

Reporting – AJAY SAXENA Bareilly.
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड के वरिष्ठ PCS अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह के आवास पर छापा मारा है। यह कार्रवाई NH-74 भूमि अधिग्रहण घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है। इस ब्लॉग में हम आपको इस मामले की पूरी जानकारी, ED की जांच के नए खुलासे और इसके राजनीतिक प्रभाव के बारे में बताएंगे।
ED की छापेमारी: क्या हुआ?

- ED की टीम ने बरेली के इंटरनेशनल सिटी में PCS अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह के आवास पर छापा मारा।
- घर का ताला तोड़कर अंदर घुसी टीम ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और लॉकर्स की तलाशी ली।
- देहरादून, चंडीगढ़ और सीतापुर में भी उनके भाई नरेंद्र सिंह और सहयोगी राजेश सिंह के घरों पर छापेमारी हुई।
- ED ने पत्नी अलका सिंह (जो कांग्रेस से चुनाव लड़ चुकी हैं) और बेटी तानिष्का सिंह (हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली) के नाम पर जमी संपत्तियों की भी जांच शुरू की है।
NH-74 भूमि घोटाला: पूरा मामला क्या है?
- यह मामला उत्तराखंड के राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के विस्तार के लिए की गई जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया से जुड़ा है।
- आरोप है कि अधिकारियों और नेताओं ने कालाबाजारी और गलत तरीके से जमीन खरीदकर करोड़ों का घोटाला किया।
- ED ने 5 अगस्त 2022 को दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चार्जशीट दाखिल की थी।
- जांच में पता चला कि उनके पास उत्तराखंड और यूपी में कई बेनाम संपत्तियां हैं।
परिवार की संपत्तियों पर ED की नजर

- पत्नी अलका सिंह के नाम पर कई प्रॉपर्टी डील्स हुई हैं, जिन पर संदेह जताया जा रहा है।
- बेटी तानिष्का सिंह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रही हैं और आइस स्केटिंग में नेशनल चैंपियन भी हैं। ED उनकी पढ़ाई के फंडिंग सोर्स की भी जांच कर रही है।
- चंडीगढ़ और देहरादून में उनके बैंक खातों और जमीनों की भी डीप स्क्रूटनी की जा रही है।
राजनीतिक कनेक्शन: क्या नेताओं का भी हाथ?
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में कुछ बड़े नेताओं और अधिकारियों का भी नाम सामने आ सकता है। ED उन सभी लोगों की पहचान कर रही है जिन्होंने इस घोटाले में फंडिंग की होगी।
अगला चरण: ED की जांच कब तक चलेगी?
- ED ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
- जांच पूरी होने के बाद आरोपपत्र दाखिल किया जा सकता है।
- अगर दोष साबित होता है, तो दिनेश प्रताप सिंह पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस चलाया जाएगा।
निष्कर्ष
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ ED की कार्रवाई तेज हो रही है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह केस उत्तराखंड और यूपी की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है।
📌 क्या आपको लगता है कि इस मामले में और बड़े नाम सामने आएंगे? कमेंट में अपनी राय दें!