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AI vs Human Models: क्या मॉडलिंग इंडस्ट्री में इंसानों के लिए बची है जगह?

मॉडलिंग इंडस्ट्री में AI का दखल तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल सुपरमॉडल्स, AI-जनित फैशन शूट और वर्चुअल इन्फ्लुएंसर्स ने इस फील्ड में नई क्रांति ला दी है। सवाल यह उठता है कि क्या AI, इंसानी मॉडल्स को पूरी तरह रिप्लेस कर देगा, या फिर दोनों साथ मिलकर काम करेंगे?

AI मॉडल्स की बढ़ती लोकप्रियता

स्पेन की AI मॉडल ऐताना लोपेज (Aitana Lopez) इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसे डिजिटल क्रिएटिव एजेंसी ‘The Clueless’ ने डिजाइन किया है और यह हर महीने करीब 9 लाख रुपये कमाती है। यह AI मॉडल ब्रांड्स के लिए कपड़ों और एक्सेसरीज की प्रोफेशनल मॉडलिंग करती है, बिल्कुल वैसे ही जैसे कोई इंसानी मॉडल।

इंसानों की जगह AI मॉडल?

ब्रिटिश मॉडल एलेक्सेंड्रा गोंडोरा (Alexsandrah Gondora) ने अपने करियर को बचाने के लिए अपनी AI कॉपी बना ली है। अब वह एक ही समय में दो जगह काम कर सकती हैं। यह ट्रेंड दर्शाता है कि भविष्य में मॉडलिंग इंडस्ट्री में इंसानों और AI का एक साथ काम करना ही टिकाऊ समाधान हो सकता है।

AI से मॉडलिंग इंडस्ट्री पर असर

  1. खर्च में भारी कटौती – पहले जहां किसी आउटडोर शूट के लिए लाखों रुपये खर्च होते थे, अब AI से वही शूट कुछ हजार रुपये में हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक फ्रेंच आल्प्स में स्की आईवियर शूट करवाने में 32 लाख रुपये तक खर्च होते, लेकिन AI से यह मात्र 45 हजार रुपये में पूरा किया जा सकता है।
  2. फास्ट और कस्टमाइज्ड आउटपुट – AI की मदद से किसी भी लोकेशन, लुक और स्टाइल में मॉडल तैयार किए जा सकते हैं, वो भी बिना किसी लॉजिस्टिक कॉस्ट के।
  3. ब्रांड्स के लिए सस्ता और प्रभावी विकल्प – छोटी कंपनियां, जो असली मॉडल्स को हायर नहीं कर सकतीं, उनके लिए AI एक किफायती समाधान बन चुका है।

AI मॉडल्स: क्या यह मॉडलिंग प्रोफेशन को खत्म कर देंगे?

2017 में पहली डिजिटल सुपरमॉडल शुडु ग्राम (Shudu Gram) लॉन्च हुई थी, जिनके इंस्टाग्राम पर 2.37 लाख फॉलोअर्स हैं। तब से लेकर अब तक AI मॉडल्स की संख्या और प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।

हालांकि, AI अभी पूरी तरह से इंसानी मॉडल्स को रिप्लेस नहीं कर सकता।

  • ब्रांड्स को अभी भी ह्यूमन कनेक्शन की जरूरत है – लोग असली इंसानों से ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं।
  • रियल इमोशंस और बॉडी लैंग्वेज – AI मॉडल्स में वो सहजता और विविधता नहीं है, जो असली मॉडल्स में होती है।

फ्यूचर क्या है?

AI मॉडलिंग इंडस्ट्री का अहम हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन इंसानी मॉडल्स की जरूरत पूरी तरह खत्म नहीं होगी। हां, मॉडल्स को AI के साथ एडॉप्ट करना पड़ेगा, जैसे एलेक्सेंड्रा गोंडोरा ने किया।

आने वाले समय में मॉडलिंग इंडस्ट्री हाइब्रिड होगी, जहां इंसान और AI मॉडल्स एक साथ काम करेंगे। लेकिन जो भी इस फील्ड में आना चाहते हैं, उन्हें अब सिर्फ लुक्स ही नहीं, बल्कि डिजिटल स्किल्स भी सीखनी होंगी, ताकि वे इस बदलते दौर में टिक सकें।

आपका क्या मानना है? क्या AI पूरी तरह से इंसानों की जगह ले लेगा या दोनों साथ में काम करेंगे?