Tag Archives: #UttarPradeshNews

बरेली का ऐतिहासिक कुतुबखाना घंटाघर फिर से चालू, शहर की पहचान बहाल

रिपोर्ट: अजय सक्सेना (बरेली)
संपर्क: 9412527799

बरेली, 10 जुलाई 2025: शहर के प्रसिद्ध कुतुबखाना चौराहे पर स्थित ऐतिहासिक घंटाघर की घड़ियाँ, जो पिछले एक साल से बंद थीं, अब फिर से चालू हो गई हैं। इसकी मरम्मत के बाद शहरवासियों को एक बार फिर सही समय मिलने लगा है। 1977 से लगातार चलने वाली यह घड़ी 10 जुलाई 2024 को अचानक बंद हो गई थी, जिससे शहर की रौनक फीकी पड़ गई थी।

कुतुबखाना घंटाघर का इतिहास और महत्व

  • 1868 में ब्रिटिश काल में यहाँ टाउन हॉल और कुतुबखाना (पुस्तकालय) हुआ करता था।
  • 1968 में बिजली गिरने से इमारत ध्वस्त हो गई, जिसके बाद 1975 में यहाँ घंटाघर बनाया गया।
  • 1977 में पहली बार घड़ी लगाई गई, जो तब से शहर की पहचान बन गई।

मात्र 1.5 लाख रुपये में हुई मरम्मत, जबकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 87 लाख खर्च हुए थे

नगर निगम बरेली की ओर से सहायक अभियंता सुशील सक्सेना के नेतृत्व में बरेली, मुरादाबाद और गाजियाबाद के विशेषज्ञों ने सरकारी मशीनों का उपयोग कर घड़ियों को सिर्फ 1.5 लाख रुपये में ठीक कर दिया। यह हैरान करने वाला है क्योंकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट-2022 के तहत इस घंटाघर की मरम्मत पर 87 लाख रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन घड़ियाँ दोबारा खराब हो गई थीं।

स्थानीय नागरिकों की पहल और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

6 जुलाई 2025 को अजय सक्सेना (एक स्थानीय नागरिक) ने सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के माध्यम से नगर निगम को इस समस्या से अवगत कराया था। इसके बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर घड़ियों को ठीक करवाया।

नगर निगम आयुक्त एवं सीईओ स्मार्ट सिटी, संजीव कुमार मौर्या ने बताया –
“घंटाघर की घड़ियों में कुछ तकनीकी खामियाँ आ गई थीं, जिन्हें अब दुरुस्त कर दिया गया है। अब यह पहले की तरह सुचारू रूप से काम कर रही हैं।”

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

आर्य समाज गली निवासी 62 वर्षीय धर्मवीर मौर्या ने खुशी जाहिर करते हुए कहा –
“यह घंटाघर हमारी पहचान है। इसके चालू होने से शहर में फिर से जान आ गई है।”

निष्कर्ष: अब क्या होगा आगे?

  • नगर निगम को इस ऐतिहासिक धरोहर का नियमित रखरखाव करना चाहिए।
  • स्मार्ट सिटी फंड का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  • स्थानीय नागरिकों को भी जागरूकता बढ़ाने में योगदान देना चाहिए।

अनिल सिंह पुंडीर ने सही कहा –
“समय ना रुका है और ना ही रुकेगा, जोकि नगर निगम बरेली ने साबित कर दिखाया।”