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बरेली में तहसील कर्मी और उसके गुर्गों ने विधवा से की ₹35,500 की ठगी, डीएम ने दिए जांच के आदेश


मुख्य बातें:

  • सदर तहसील के अमीन पर आरसी वसूली के नाम पर ठगी का आरोप
  • विधवा महिला से ₹35,500 ठगे, रसीद मांगने पर दी गई धमकी
  • पीड़िता ने जिलाधिकारी से की शिकायत, जांच टीम गठित
  • आरोपी अमीन पहले भी सेक्स रैकेट के मामले में जा चुका है जेल

📍घटना का पूरा विवरण:

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के थाना बारादरी क्षेत्र के नवादा शेखान मोहल्ले में सरकारी कर्मचारी और गुर्गों द्वारा ठगी का गंभीर मामला सामने आया है। मीना रानी नामक विधवा महिला से बिजली चोरी की फर्जी आरसी के नाम पर ₹35,500 वसूले गए, लेकिन जब उन्होंने रसीद मांगी, तो उन्हें धमकाया गया


⚖️ कैसे हुई ठगी?

मीना रानी, जो दूसरों के घरों में काम करके अपने बेटे सूरज का पालन-पोषण कर रही हैं, के पास उनका रिश्तेदार रवि मौर्य आया। उसने खुद को तहसील कर्मचारी बताते हुए कहा कि उनके बेटे पर ₹27,500 की आरसी कटी है। डर के कारण मीना ने एक महीने की मोहलत मांगी।

4 अप्रैल को रवि मौर्य, अमीन मनोज यादव और 7-8 गुर्गों के साथ मीना के घर पहुंचा। सभी ने धमकी भरे लहजे में पैसे मांगने शुरू किए।


🧾 रसीद मांगी तो मिली धमकी

9 मई को मीना ने मोहल्ले वालों के सामने ₹27,500 रवि मौर्य को दे दिए। जब उन्होंने रसीद मांगी, तो रवि ने 8,000 रुपये अतिरिक्त तहसील खर्च बताकर मांगे। 20 मई को मीना के जेठ के बेटे ओमप्रकाश ने यह रकम भी दे दी।

जब बार-बार रसीद नहीं दी गई, तो मीना खुद रवि के घर गईं। इसके बाद रवि खुद उनके घर पहुंचा और धमकाते हुए कहा कि आइंदा मेरे घर मत आना।


📋 डीएम ने दिए जांच के निर्देश

19 जून 2025 को मीना रानी ने डीएम कार्यालय पहुंचकर लिखित शिकायत दीजिलाधिकारी ने मामले को गंभीर मानते हुए एसडीएम सदर को जांच के आदेश दिए। उसी दिन जांच टीम मीना के घर पहुंची और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।


🕵️‍♂️ अमीन मनोज यादव पर पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप

सूत्रों के अनुसार:

  • मनोज यादव गैंग बनाकर अवैध वसूली करता था
  • पहले भी सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में जा चुका है जेल
  • विभाग ने उसे सस्पेंड किया था
  • जनता को धमकाकर पैसे वसूलता था
  • अब तक कई पीड़ित सामने नहीं आए, पर जांच में बड़ा खुलासा हो सकता है

🎙️ मनोज यादव की सफाई

मनोज यादव ने कहा,

“मैं रवि मौर्य को नहीं जानता। मुझ पर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। मैं कल ही जेल से छूटकर आया हूं। कोई व्यक्ति बिना रसीद पैसे दे ही नहीं सकता।”


🔎 निष्कर्ष:

यह मामला सरकारी तंत्र में छुपे भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के नेटवर्क को उजागर करता है। यदि उचित जांच और कार्रवाई नहीं की गई तो ऐसे फर्जी अमीन और उनके गुर्गे आम जनता को लगातार ठगते रहेंगे।


📢 आप क्या कर सकते हैं?

  • ठगी या धमकी का शिकार हों तो तुरंत डीएम/एसडीएम को लिखित शिकायत दें
  • रसीद के बिना कोई भुगतान न करें
  • किसी भी आरसी या नोटिस की विधिवत पुष्टि करें


जनहित में जारी – ठगी से सतर्क रहें, अधिकारों की रक्षा करें। 🛑


क्या आप भी ऐसे किसी सरकारी भ्रष्टाचार या ठगी का शिकार हुए हैं?
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