
बृजभूषण शरण सिंह का विवादित बयान: जातीय जनगणना पर बोले- “बम फूटेगा”
BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह ने जातीय जनगणना पर विवादास्पद बयान दिया। जानिए उन्होंने क्या कहा और क्यों यह बयान सोशल मीडिया पर बन गया बहस का मुद्दा।
मुख्य बातें:
- ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की, युद्धविराम पर विपक्ष पर निशाना
- जातीय जनगणना को लेकर भड़काऊ बयान
- महिला उत्पीड़न कानूनों के दुरुपयोग का आरोप
- यौन शोषण के आरोपों को बताया बेबुनियाद
बिहार, औरंगाबाद:
BJP नेता और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। जातीय जनगणना के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “जातीय जनगणना के बाद बम फूटेगा और सारे सवर्ण देश से बाहर हो जाएंगे। हमारे लिए अलग देश बनेगा, हम आसमान में चले जाएंगे।”
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। विपक्ष ने इसे समाज को बांटने वाला बयान बताया है, वहीं सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस तेज हो गई है।
ऑपरेशन सिंदूर और युद्धविराम पर बयान
बृजभूषण सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को देश के लिए गर्व की बात बताया। लेकिन साथ ही उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि युद्धविराम के बाद “किंतु-परंतु” की राजनीति शुरू हो गई है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि इस मौके पर विदेशी ताकतें राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही हैं।
महिला उत्पीड़न कानूनों पर भी उठाए सवाल
बृजभूषण सिंह ने दहेज उत्पीड़न, एससी/एसटी और महिला यौन उत्पीड़न कानूनों को लेकर कहा कि इनका अब दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा, “या तो इन कानूनों को खत्म कर दिया जाए या इनके दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।”
गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह पर खुद महिला पहलवानों द्वारा यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिन्हें वे बार-बार बेबुनियाद बता चुके हैं।
जातीय जनगणना पर क्यों भड़के बृजभूषण सिंह?
बिहार और उत्तर प्रदेश में शुरू हुई जातीय जनगणना की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा कि कुछ लोग इसे लेकर हाय-तौबा मचा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “जब जातीय जनगणना होगी, तो बम फूटेगा। सारे सवर्ण देश छोड़ देंगे। हमारे लिए अलग देश बनेगा।”
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सिर्फ ‘राजपूत नेता’ कहना अपमानजनक लगता है। वे खुद को “सर्व समाज का नेता” बताते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
बृजभूषण सिंह के इन बयानों पर विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। कई नेताओं ने चुनावी लाभ के लिए समाज को बांटने का आरोप लगाया है।
निष्कर्ष:
बृजभूषण शरण सिंह के बयानों ने एक बार फिर उन्हें विवादों के केंद्र में ला खड़ा किया है। जातीय जनगणना, महिला सुरक्षा कानूनों और युद्ध नीति जैसे गंभीर मुद्दों पर उनके विचार देश में राजनीतिक बहस को नया मोड़ दे रहे हैं।