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PM किसान सम्मान निधि में बड़ा घोटाला: कैसे बैंक अधिकारियों ने हड़पे 1.31 करोड़ रुपये?

भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक बड़ी राहत योजना है, जिसके तहत हर साल 6,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है। लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के फरीदपुर में इस योजना का बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां सहकारी बैंक के अधिकारियों ने 1.31 करोड़ रुपये की धनराशि गबन कर ली


✔️ PM किसान सम्मान निधि योजना क्या है?
✔️ कैसे हुआ यह घोटाला?
✔️ कौन हैं आरोपी बैंक अधिकारी?
✔️ क्या है पुलिस की कार्रवाई?
✔️ ऐसे घोटालों को कैसे रोका जा सकता है?


1. PM किसान सम्मान निधि योजना क्या है?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) केंद्र सरकार की एक फ्लैगशिप योजना है, जिसके तहत छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये (तीन किस्तों में 2,000-2,000 रुपये) सीधे उनके बैंक खाते में दिए जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे फसल उत्पादन और अन्य जरूरतों में इस राशि का उपयोग कर सकें।

योजना के लिए पात्रता:
✅ जिनके पास 2 हेक्टेयर (5 एकड़) तक की कृषि भूमि हो।
आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक्ड होना जरूरी।
परिवार में एक से अधिक लाभार्थी नहीं हो सकते।


2. कैसे हुआ फरीदपुर में घोटाला?

फरीदपुर स्थित जिला सहकारी बैंक में कुछ बैंक कर्मचारियों ने निष्क्रिय खातों को गलत तरीके से सक्रिय कर PM-KISAN का पैसा हड़प लिया।

घोटाले की मुख्य विधि:

🔹 निष्क्रिय खातों को फर्जी तरीके से सक्रिय किया गया।
🔹 एक ही खाते में कई आधार कार्ड लिंक कर दिए गए।
🔹 जनसेवा केंद्र (CSC) से फर्जी आधार-पैन नंबर प्राप्त किए गए।
🔹 कुल 1.31 करोड़ रुपये की धनराशि गबन की गई।


3. कौन हैं आरोपी बैंक अधिकारी?

पुलिस ने दो शाखा प्रबंधकों और दो कैशियरों के खिलाफ FIR दर्ज की है:

नामपदआरोप
मुकेश कुमार गंगवारशाखा प्रबंधक (वर्तमान)धोखाधड़ी, गबन
गौरव वर्मापूर्व शाखा प्रबंधकजालसाजी
चंद्र प्रकाशकैशियरफर्जी दस्तावेज बनाना
दीपक पांडेयकैशियरसरकारी धन का दुरुपयोग

इन पर IPC की धारा 409 (गबन), 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), और 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग) के तहत केस चल रहा है।


4. क्या है पुलिस की कार्रवाई?

  • FIR दर्ज कर ली गई है।
  • आरोपियों से पूछताछ जारी है।
  • जनसेवा केंद्र (CSC) की भूमिका की जांच हो रही है।
  • बैंक प्रशासन ने आंतरिक जांच शुरू की है।

5. ऐसे घोटालों को कैसे रोका जा सकता है?

डिजिटल ऑडिट सिस्टम मजबूत करना – हर लेनदेन पर नजर रखी जाए।
आधार-बैंक लिंकिंग प्रक्रिया सुरक्षित बनाना – एक खाते में केवल एक आधार लिंक हो।
जनसेवा केंद्रों (CSC) पर सख्त निगरानी – फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर कार्रवाई।
व्हिसलब्लोअर योजना – घोटालों की जानकारी देने वालों को इनाम दिया जाए।


निष्कर्ष: किसानों के साथ एक और धोखा

यह घोटाला दिखाता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ असली जरूरतमंदों तक पहुंचने के बजाय भ्रष्ट अधिकारियों की जेब में जा रहा है। अगर पारदर्शिता और सख्त निगरानी नहीं होगी, तो ऐसे घोटाले बढ़ते रहेंगे।