
बरेली: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की एक नई पहल के तहत अब प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत में ‘पंचायत उत्सव भवन’ का निर्माण किया जाएगा। इस बहुउद्देश्यीय भवन की लागत ₹1.41 करोड़ निर्धारित की गई है। यह भवन ग्रामीणों के लिए शादी-विवाह, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और अन्य सामुदायिक आयोजनों का केंद्र बनेगा।
क्या होगा पंचायत उत्सव भवन में?
इस भवन को इस तरह से डिज़ाइन किया जाएगा कि गांव के लोग अपने निजी और सामाजिक कार्यक्रम जैसे—
- विवाह समारोह
- जन्मदिन
- धार्मिक आयोजन
- सांस्कृतिक कार्यक्रम
- ग्राम सभा बैठक
जैसे कार्य आसानी से कर सकें।
इसका किराया तय किया जाएगा, जिससे ग्राम पंचायत को नियमित आर्थिक लाभ होगा और आय का स्थायी स्रोत तैयार होगा।
भूमि चयन और निर्माण प्रक्रिया
- हर जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत को पहले चरण में चुना जाएगा।
- भवन निर्माण के लिए 3,000 वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता बताई गई है।
- यदि कोई व्यक्ति भूमि दान करता है, तो उसे भी प्राथमिकता दी जाएगी।
- जिन ग्राम पंचायतों में अन्नपूर्णा भवन पहले से चल रहे हैं, वहां पंचायत उत्सव भवन को प्राथमिकता मिलेगी।
डीएम (जिलाधिकारी) द्वारा सभी एसडीएम और बीडीओ को निर्देशित किया गया है कि वे अगले 10 दिनों में प्रस्ताव भेजें।
कहाँ-कहाँ हुई शुरुआत?
- मीरगंज तहसील से बल्ली ग्राम पंचायत का प्रस्ताव डीपीआरओ को मिल चुका है।
- अन्य तहसीलों से भी जल्द प्रस्ताव आने की उम्मीद है।
डीपीआरओ कमल किशोर ने बताया कि एक समिति डीएम की अध्यक्षता में प्रस्तावों की समीक्षा करेगी और उपयुक्त स्थल का चयन कर शासन को भेजेगी, जिससे बजट की स्वीकृति मिल सके।
क्यों है बेहतर कनेक्टिविटी ज़रूरी?
भवन ऐसे स्थान पर बनाया जाएगा:
- जहां हर मौसम में बेहतर आवागमन की सुविधा हो।
- बस और छोटे वाहनों की पहुंच आसान हो।
- आसपास की न्याय पंचायतों के लोग भी इसका लाभ उठा सकें।
पंचायत उत्सव भवन: गांवों की आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
यह योजना न केवल ग्रामीणों को सुविधा देगी, बल्कि ग्राम पंचायतों को स्वावलंबी भी बनाएगी। जब कोई कार्यक्रम इस भवन में आयोजित होगा, तो किराए से आय होगी, जिससे पंचायत को अपनी अन्य योजनाओं के लिए फंड मिल सकेगा।
🔷 निष्कर्ष:
“पंचायत उत्सव भवन” योजना ग्रामीण विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है। इससे जहां गांवों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, वहीं ग्राम पंचायत की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। यह भवन ग्रामीणों के लिए एक ऐसा सामाजिक केंद्र बनेगा, जहां हर उत्सव और आयोजन को सम्मान और सुविधा मिलेगी।