
प्रकाशित तिथि: 23 अप्रैल 2025 | लेखक: J P GANGWARR
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम एक ऐसा स्थान है, जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है। लेकिन 22 अप्रैल 2025 को इस स्वर्ग को आतंक की आग में झोंक दिया गया। बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हुए इस बर्बर हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह हमला न केवल निर्दोष जिंदगियों पर था, बल्कि यह भारत की आत्मा, इसके सद्भाव और पर्यटन पर सीधा वार था।
हमले की मुख्य जानकारी
- स्थान: बैसरन घाटी, पहलगाम, अनंतनाग जिला, जम्मू-कश्मीर
- तिथि: 22 अप्रैल 2025
- समय: दोपहर बाद लगभग 3:15 बजे
- मृतक संख्या: 28 (दो विदेशी नागरिक सहित)
- घायल: 20+
- जिम्मेदारी ली: द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन
- हमलावरों की संख्या: अनुमानतः 5 आतंकी
- हमले की प्रकृति: सुनियोजित और धर्म-आधारित पहचान के आधार पर हत्या
आतंकी हमला: क्या हुआ?
सुरक्षाबलों की वर्दी में छिपे आतंकियों ने एक रिसॉर्ट में घुुसकर पर्यटकों से नाम और धर्म पूछे। जो मुसलमान साबित नहीं हुए, उन्हें गोली मार दी गई। एक चश्मदीद महिला के अनुसार, “उन्होंने कहा ‘मुसलमान हो तो कलमा पढ़ो’, जब जवाब ना में मिला, तो उन्होंने मेरे पति को वहीं मार डाला।”
इस पूरी घटना को महज 3.5 मिनट में अंजाम दिया गया और लगभग 300 राउंड फायरिंग की गई।
पीएम मोदी और सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान:
“आतंकी हमले की मैं सख्त निंदा करता हूं। यह शैतानी एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।”
- पीएम मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में छोड़ी और भारत लौटकर एयरपोर्ट पर ही उच्चस्तरीय बैठक की।
- उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य अधिकारियों से बैठक की।
गृहमंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया:
- श्रीनगर पहुंचे और हमले की समीक्षा बैठक की।
- कहा, “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें सख्त सजा मिलेगी।”
सुरक्षाबलों की कार्रवाई
- NIA की टीम घटनास्थल पर पहुंची है और जांच शुरू कर दी गई है।
- पूरे पहलगाम क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन और कॉम्बिंग जारी है।
- उरी में घुसपैठ की कोशिश को सेना ने विफल किया और दो आतंकियों को ढेर किया।
पीड़ितों की पहचान और हालात
- महाराष्ट्र के दिलीप देसले और ओडिशा के प्रशांत सत्पथी की भी मौत हुई।
- पीड़ित परिवारों में रोष और गहरा शोक व्याप्त है।
- श्रीनगर लाए गए शवों को सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई दी गई।
विपक्ष और अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं
- महबूबा मुफ्ती: यह हमला कायराना और दुर्भाग्यपूर्ण है।
- राहुल गांधी: अमित शाह और उमर अब्दुल्ला से बात कर स्थिति की जानकारी ली।
- तारिक हमीद कर्रा (कांग्रेस): भाजपा को अब असलियत स्वीकार करनी चाहिए।
हमले का व्यापक प्रभाव
निष्कर्ष
यह हमला एक बार फिर इस बात की पुष्टि करता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, उसका उद्देश्य केवल भय और विनाश फैलाना होता है। सरकार, सुरक्षाबल और पूरा देश इस त्रासदी से लड़ने के लिए एकजुट है। शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और आतंक के खिलाफ यह जंग तब तक चलेगी जब तक इसकी जड़ें पूरी तरह समाप्त नहीं हो जातीं।