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बरेली का दर्द: इज्जतनगर में जलभराव से बिगड़ा जीवन, नागरिकों की पुकार – “अब कब सुधरेगा हालात?”

बरेलीइज्जतनगर जलभराव संकट: नागरिकों की पीड़ा और नगर निगम की चुप्पी | Bareilly Waterlogging Problem

बरेलीके इज्जतनगर में बड़ी बिहार मान नगला इलाके में भीषण जलभराव ने नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जानिए कैसे नगर निगम और स्थानीय सभासद की उदासीनता ने बढ़ाया संकट और क्या है समाधान का रास्ता।


बरेली। हर साल की तरह इस बार भी बारिश का मौसम बरेली के एक बड़े हिस्से के लिए मुसीबतों का पैगाम लेकर आया है। शहर के इज्जतनगर इलाके में स्थित बड़ी बिहार मान नगला इलाके की हालत इन दिनों बेहद खराब है। भारी बारिश के बाद यहाँ की गलियों और सड़कों पर जमा पानी ने न केवल यातायात बाधित किया है, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरे में डाल दिया है।

क्या है पूरा मामला?

बारिश होने के कई दिन बीत जाने के बाद भी इज्जतनगर के बड़ी बिहार मान नगला इलाके की गलियों में गंदा पानी भरा हुआ है। नालियाँ उफान पर हैं और सड़कें तालाबों में तब्दील हो गई हैं। स्थानीय निवासी श्री राजीव मौर्य बताते हैं, “ये कोई नई समस्या नहीं है। हर साल ऐसा होता है, लेकिन इस बार हालात और भी ज्यादा बिगड़े हैं। निकासी का कोई इंतज़ाम ही नहीं है। हम लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।”

स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की भूमिका पर सवाल

इस पूरे संकट में सबसे बड़ा सवाल नगर निगम बरेली और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर उठ रहा है।

· नगर निगम की लापरवाही: मानसून से पहले नालियों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करना नगर निगम की प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन ऐसा लगता है कि इस मोर्चे पर पूरी तरह से लापरवाही बरती गई है।
· सभासद की निष्क्रियता: स्थानीय सभासद श्री अरुण सिंह पर निवासियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि repeated complaints के बावजूद सभासद महोदय ने इस समस्या का कोई ठोस समाधान निकालने की दिशा में कोई पहल नहीं की।

जलभराव के गंभीर परिणाम

यह सिर्फ सड़कों पर पानी भर जाने की समस्या नहीं है, इसके और भी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी पहलू हैं:

  1. मच्छरों का प्रकोप: खड़ा पानी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियों को फैलाने वाले मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन गया है।
  2. संक्रामक बीमारियों का खतरा: गंदे पानी के संपर्क में आने से हैजा, लेप्टोस्पायरोसिस और त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
  3. दुर्गंध और प्रदूषण: सड़े हुए कचरे और गंदगी के कारण पूरे इलाके में हवा दूषित हो गई है, जिससे सांस की बीमारियाँ बढ़ने का खतरा है।

निवासियों की मांग और आगे का रास्ता

इज्जतनगर के निवासी अब उच्च स्तर पर हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांगें हैं:

· तत्काल इलाके में जल निकासी के लिए निगम की गाड़ियों और टीमों को तैनात किया जाए।
· नालियों की emergency सफाई करवाई जाए और उनकी मरम्मत की जाए।
· इस संकट के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
· एक स्थायी समाधान के तौर पर नालियों का नेटवर्क सुधारा जाए और waterlogging की recurrence रोकी जाए।

नागरिक क्या कर सकते हैं?

अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो निराश न हों। आप इन चैनल्स के through अपनी आवाज़ उठा सकते हैं:

· नगर निगम बरेली के आयुक्त को सीधे लिखित शिकायत भेजें।
· उत्तर प्रदेश जन सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएँ।
· स्थानीय विधायक और मेयर के कार्यालय से संपर्क करें।
· सोशल मीडिया पर ट्विटर का use करते हुए @CMOfficeUP, @bareillynnn और @bareillydm को टैग करें और हैशटैग #BareillyWaterlogging, #IzzatNagarCrisis का इस्तेमाल करें।

निष्कर्ष: इज्जतनगर कीयह situation सिर्फ एक इलाके की कहानी नहीं, बल्कि पूरे शहर की urban planning और municipal governance पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। जब तक अधिकारी और जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे और त्वरित कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक हर साल ऐसी खबरें आती रहेंगी। आवश्यकता है एक ठोस और स्थायी समाधान की, जिससे बरेली एक बेहतर और रहने योग्य शहर बन सके।