
🪖 मैनपुरी में फर्जी आर्मी ट्रेनिंग कैंप का खुलासा: 600 युवाओं से 18 करोड़ की ठगी, जानिए पूरी सच्चाई
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ सेना में भर्ती कराने के नाम पर 600 से अधिक युवाओं से 18 करोड़ रुपये की ठगी की गई। भारतीय सेना का नकली ट्रेनिंग कैंप चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ पुलिस ने किया है। इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड अरविंद पांडेय नामक व्यक्ति है, जिसे उसकी एक महिला सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया गया है।
📍 फर्जी कैंप कहाँ और कैसे चल रहा था?
यह फर्जी कैंप मैनपुरी जिले के किशनी थाना क्षेत्र के जटपुरा चौराहा पर स्थित 22 बीघा जमीन पर चल रहा था। यह जमीन एक डिग्री कॉलेज के सामने है, जिसे मास्टरमाइंड हर महीने 25 हजार रुपये किराए पर लेकर इस्तेमाल कर रहा था।
कैंप की खासियत:
- कैंप पर सेना की बटालियन जैसे झंडे और यूनिफॉर्म लगे थे।
- युवाओं को भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स (BPPF) और हिंदुस्तान रक्षा धर्म जैसे नामों से फर्जी ट्रेनिंग दी जाती थी।
- ठगों ने एक ऐसा माहौल बनाया था जिससे लगता था कि यह असली सेना का कैंप है।
💰 सेना में नौकरी का झांसा देकर लाखों की ठगी
फर्जी सेना भर्ती अभियान के तहत युवाओं से 2 से 4 लाख रुपये तक की वसूली की जाती थी। उन्हें कहा जाता कि अगर सेना में नौकरी नहीं मिली तो किसी सिक्योरिटी एजेंसी या अन्य सरकारी पद पर भर्ती करवा दिया जाएगा।
📹 यूट्यूब और सोशल मीडिया से करते थे प्रचार
अरविंद पांडेय ने यूट्यूब चैनल और फर्जी विज्ञापनों के ज़रिए प्रचार किया। वीडियो में वह खुद वर्दी पहनकर बोलता था और सेना में भर्ती के सपने दिखाता था।
🌐 कई राज्यों में फैला था नेटवर्क
यह फर्जीवाड़ा सिर्फ मैनपुरी तक सीमित नहीं था। आरोपी का नेटवर्क तेलंगाना, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड और उड़ीसा तक फैला हुआ था। वह कई राज्यों से युवाओं को बुलाकर ठगता था।
🕵️♀️ पुलिस की सतर्कता से खुला भेद
मामले की शुरुआत तेलंगाना निवासी अशोक और मैनपुरी के अनिरुद्ध दूबे की शिकायतों से हुई। जब युवाओं को न तो नौकरी मिली और न पैसे वापस हुए, तब पुलिस से संपर्क किया गया। एसपी गणेश प्रसाद साहा के नेतृत्व में सर्विलांस टीम ने कार्रवाई की और गिरोह का भंडाफोड़ किया।
बरामद सामग्री:
- फर्जी यूनिफॉर्म
- नकली एयर गन
- मंत्रालयों के फर्जी सर्टिफिकेट
- दस्तावेजों का ढेर
🏅 पुलिस टीम को मिला पुरस्कार
इस पूरे मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एसपी द्वारा 20 हजार रुपये का इनाम दिया गया है।
🔴 ऐसे फर्जीवाड़ों से बचने के लिए क्या करें?
- सरकारी भर्तियों की जानकारी केवल ऑफिशियल वेबसाइट्स जैसे joinindianarmy.nic.in या ssc.nic.in से ही लें।
- किसी निजी व्यक्ति या संस्था से पैसे लेकर भर्ती का वादा करने वालों से बचें।
- यूट्यूब या सोशल मीडिया पर दिख रहे विज्ञापनों की सत्यता की जांच करें।
- किसी भी भर्ती प्रक्रिया में पैसे देने से पहले पुलिस या प्रशासन से सलाह लें।
✍️ निष्कर्ष:
यह मामला उन हजारों युवाओं के लिए सबक है जो सरकारी नौकरी के सपनों में धोखा खा जाते हैं। मैनपुरी का यह मामला साबित करता है कि फर्जी सेना भर्ती गिरोह देशभर में सक्रिय हैं और बेरोजगारी की पीड़ा का लाभ उठा रहे हैं। समय रहते सचेत रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को जरूर दें।