
क्या बरेली में कई बड़े नाम जांच के घेरे में आ सकते हैं?
निलंबित IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश की संपत्ति की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। लखनऊ में चर्चा है कि उनकी काली कमाई का जाल बरेली तक फैला हुआ है। जब वे बरेली के जिलाधिकारी थे, तब कई पूंजीपतियों और कारोबारियों से उनकी नजदीकियां चर्चा में थीं। उनके कार्यकाल के दौरान कई रसूखदार लोगों के शस्त्र लाइसेंस भी जारी हुए थे। अब सवाल यह उठता है कि क्या इन संपत्तियों और लेन-देन की गहराई से जांच होगी?
अभिषेक प्रकाश और बरेली कनेक्शन
सूत्रों की मानें तो शाहजहांपुर रोड पर लगभग 400 बीघा जमीन की खरीद-फरोख्त में उनकी साझेदारी की चर्चाएं 2021 से चल रही हैं। यह जमीन एक प्राइवेट टाउनशिप से जुड़ी हुई बताई जाती है, जिसमें कई बड़े निवेशकों का पैसा लगा है।
बरेली के एक मशहूर कारोबारी, जो अक्सर लखनऊ जाते थे, की नजदीकियां भी चर्चा में हैं। कहा जाता है कि उनकी हर लखनऊ यात्रा में अभिषेक प्रकाश से मुलाकात होती थी।
IAS अभिषेक प्रकाश की संपत्तियों की जांच क्यों अहम?
- बड़ी प्रॉपर्टी डील – बरेली, लखनऊ और अन्य शहरों में निवेश की खबरें।
- कारोबारियों से करीबी संबंध – कई उद्योगपतियों के साथ नजदीकियां।
- शस्त्र लाइसेंस मामला – उनके कार्यकाल में बड़े पैमाने पर लाइसेंस जारी हुए।
- प्राइवेट टाउनशिप कनेक्शन – क्या इसमें भ्रष्टाचार हुआ?
अगर जांच सही दिशा में आगे बढ़ती है, तो कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।
क्या जांच की आंच और नाम उजागर होंगे?
अगर संपत्तियों की सही तरीके से फॉरेंसिक जांच हुई, तो कई बड़े निवेशक, बिल्डर और सरकारी अधिकारी भी शक के घेरे में आ सकते हैं।
क्या ये जांच अभिषेक प्रकाश तक सीमित रहेगी, या फिर बरेली के कुछ रसूखदार लोग भी लपेटे में आएंगे?
यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन कितनी गहराई से इस मामले की जांच करता है और क्या इसमें शामिल अन्य नामों का खुलासा होता है!
निष्कर्ष
अभिषेक प्रकाश की संपत्तियों की जांच सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह पूरे सिस्टम के कामकाज पर सवाल उठाती है। अगर सही तरीके से खुलासा हुआ, तो बरेली और लखनऊ में कई बड़े नामों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अब देखना यह है कि सरकार और जांच एजेंसियां कितनी सख्ती से इस मामले को आगे बढ़ाती हैं।
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