Tag Archives: BLA न्यूज़

सीजफायर के बीच बलूच लिबरेशन आर्मी का बड़ा बयान: भारत से मांगा सैन्य और कूटनीतिक सहयोग


भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताते हुए भारत से राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य मदद की मांग की


मुख्य खबर | अंतरराष्ट्रीय

नई दिल्ली / क्वेटा:
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर समझौते के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक बड़ा बयान जारी किया है। बीएलए ने पाकिस्तान को “आतंकवादियों का अड्डा” बताया और भारत से तीन प्रमुख सहयोग—राजनीतिक, कूटनीतिक, और सैन्य—की अपील की है।

बलूच लिबरेशन आर्मी का कहना है कि यदि भारत उनका समर्थन करता है, तो वे पाकिस्तान को भीतर से कमजोर कर सकते हैं और बलूचिस्तान को आज़ाद कराने की दिशा में निर्णायक कदम उठा सकते हैं।


क्या कहा बीएलए ने?

बलूचिस्तान के एक प्रमुख विद्रोही संगठन बीएलए ने अपने बयान में कहा:

  • पाकिस्तान वर्षों से आतंकवाद को शह देता आ रहा है।
  • अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की असलियत उजागर की जानी चाहिए।
  • भारत से अगर तीन स्तरों पर समर्थन मिल जाए तो पाकिस्तान को खत्म करना संभव है।

भारत से मांगी गई 3 प्रमुख मददें

  1. राजनीतिक सहयोग:
    बलूच आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
  2. कूटनीतिक सहयोग:
    पाकिस्तान द्वारा बलूच जनता पर हो रहे अत्याचारों को वैश्विक मंचों पर उजागर करने की अपील की गई है।
  3. सैन्य सहयोग:
    बीएलए ने संकेत दिया कि अगर सैन्य संसाधन या रणनीतिक सहयोग मिले, तो वे पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर सकते हैं।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और स्थिति

पाकिस्तान सरकार लंबे समय से बलूच विद्रोही संगठनों को आतंकवादी घोषित कर चुकी है और बार-बार भारत पर आरोप लगाती रही है कि वह बलूच विद्रोह को समर्थन दे रहा है। हालांकि भारत ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।


भारत की रणनीतिक चुप्पी

भारत सरकार बलूचिस्तान के मुद्दे पर हमेशा सतर्क और संयमित रुख अपनाती रही है। हालांकि 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से बलूचिस्तान का ज़िक्र कर इसे वैश्विक विमर्श का हिस्सा बनाया था।


निष्कर्ष

बलूच लिबरेशन आर्मी का यह बयान भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे कूटनीतिक समीकरणों में नई बहस छेड़ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इस अपील पर क्या रुख अपनाती है।