Tag Archives: BJP

बीजेपी में दो धड़े? गडकरी और योगी के बयानों से उठे सवाल

भारतीय जनता पार्टी (BJP) में हाल ही में दो बड़े नेताओं—उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी—के अलग-अलग बयानों ने सियासी बहस को जन्म दे दिया है। एक तरफ योगी आदित्यनाथ ने “80 बनाम 20” की राजनीति पर जोर दिया, तो दूसरी ओर गडकरी ने साफ कहा कि “जो जाति की बात करेगा, उसको कसके मारूंगा लात।” इन दोनों बयानों ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या बीजेपी के भीतर दो विचारधाराएं टकरा रही हैं?

योगी आदित्यनाथ: 80-20 फॉर्मूले की राजनीति

योगी आदित्यनाथ हमेशा से हिंदुत्व राजनीति के मजबूत चेहरे माने जाते हैं। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने 80 बनाम 20 का जिक्र किया था और अब 2027 के लिए भी यही रणनीति अपनाने का संकेत दिया है। उनके अनुसार, 80% जनता बीजेपी के साथ है और 20% विरोध में। यह ध्रुवीकरण का एक सीधा संकेत है, जिससे बीजेपी को उत्तर प्रदेश में अपने कोर वोटर्स को मजबूत करने में मदद मिलती है।

नितिन गडकरी: समावेशी राजनीति के पक्षधर

नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने साफ कहा कि जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने जातिवाद की राजनीति की कड़ी निंदा की और कहा कि किसी व्यक्ति की पहचान उसकी काबिलियत और गुणों से होनी चाहिए, न कि उसकी जाति या धर्म से। गडकरी के इस बयान ने बीजेपी के पारंपरिक हिंदुत्व कार्ड से थोड़ा अलग रुख दिखाया, जिसे लेकर कई राजनीतिक विश्लेषक सवाल उठा रहे हैं।

बीजेपी में दो धड़े?

बीजेपी के भीतर अलग-अलग रणनीतियां अपनाने वाले नेताओं का होना कोई नई बात नहीं है। लेकिन गडकरी और योगी के बयानों के बाद कई अहम सवाल उठते हैं:

  1. क्या बीजेपी दो विचारधाराओं में बंटी हुई है?
  2. क्या गडकरी का बयान मोदी सरकार की “सबका साथ, सबका विकास” नीति को दर्शाता है?
  3. क्या योगी का 80-20 फॉर्मूला उत्तर प्रदेश में 2027 के चुनावों की तैयारी है?

राजनीतिक विश्लेषण: राज्य बनाम राष्ट्रीय राजनीति

बीजेपी में यह फर्क राज्य और राष्ट्रीय राजनीति की रणनीतियों से भी जुड़ा हो सकता है।

  • योगी आदित्यनाथ का बयान उत्तर प्रदेश केंद्रित है, जहां ध्रुवीकरण की राजनीति असर डालती है।
  • नितिन गडकरी एक राष्ट्रीय नेता हैं, जो देशभर में हर वर्ग और समुदाय तक अपनी स्वीकार्यता बनाए रखना चाहते हैं।

विपक्ष को मिला मौका?

गडकरी के बयान के बाद कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने बीजेपी पर हमला बोल दिया। वे इसे बीजेपी के भीतर अंतर्विरोध के रूप में देख रहे हैं और इसे बीजेपी की अंदरूनी कलह बता रहे हैं।

निष्कर्ष: क्या यह रणनीतिक दांव है?

बीजेपी एक बड़ी पार्टी है, जिसमें अलग-अलग विचारधाराओं के नेता हैं। योगी का 80-20 फॉर्मूला और गडकरी का समावेशी रुख दोनों ही अपने-अपने स्थान पर महत्वपूर्ण हैं। यह संभव है कि बीजेपी अलग-अलग वर्गों को साधने के लिए दो रणनीतियों पर काम कर रही हो—जहां एक तरफ कोर हिंदू वोटर्स को जोड़ा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मध्यमार्गी और प्रगतिशील वोटर्स को भी संदेश दिया जा रहा है।