
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव 2025 की तैयारियाँ औपचारिक रूप से शुरू हो गई हैं। राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के पुनर्गठन के लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। शासन ने 24 मई 2024 को एक शासनादेश जारी कर जिलाधिकारियों से 5 जून 2024 तक पुनर्गठन से संबंधित प्रस्ताव मांगे हैं।
क्या कहा गया है शासनादेश में?
शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि पंचायत चुनाव 2021 के बाद से अब तक कई ग्राम पंचायतों को शहरी क्षेत्रों में शामिल किया गया है, जिससे उनकी जनसंख्या घटकर 1000 से कम हो गई है। ऐसे मामलों में पंचायतों का पुनर्गठन जरूरी हो गया है।
उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के अनुसार:
- जिन ग्राम पंचायतों की जनसंख्या 1000 से कम हो गई है और वे मानक के अनुरूप नहीं हैं, उन्हें निकटवर्ती ग्राम पंचायतों में जोड़ा जाएगा।
- अगर कोई ग्राम पंचायत नगरीय निकाय में चली गई है लेकिन उसका कोई शेष राजस्व ग्राम 1000 की जनसंख्या वाला है, तो उसे नई ग्राम पंचायत घोषित किया जा सकता है।
- एकल राजस्व ग्राम अगर आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है और उसकी जनसंख्या 1000 या उससे अधिक है, तो वह ग्राम पंचायत यथावत बनी रहेगी।
चुनाव की संभावित तिथि और तैयारियाँ
शासन स्तर पर मिले संकेतों के अनुसार पंचायत चुनाव अप्रैल–मई 2025 में आयोजित किए जा सकते हैं। इससे पहले परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जिलेवार प्रस्ताव मिलने के बाद प्रदेश सरकार नई अधिसूचना जारी करेगी और अंतिम ग्राम पंचायत सूची प्रकाशित की जाएगी।
गांवों का नया नक्शा तैयार होगा
परिसीमन के तहत राज्य में हजारों गांवों और पंचायतों का नया नक्शा तैयार किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में सम्मिलित ग्रामों को हटा कर जो बचे हुए ग्राम मानक पूरे करते हैं, उन्हें या तो नया पंचायत क्षेत्र बनाया जाएगा या उन्हें अन्य ग्राम पंचायतों में जोड़ा जाएगा।
मुख्य बातें संक्षेप में (Key Highlights):
- पंचायत चुनाव 2025 की तैयारियाँ शुरू,
- ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन आवश्यक,
- 5 जून तक सभी जिलों से प्रस्ताव मांगे गए,
- शहरी क्षेत्रों में शामिल ग्राम पंचायतें होंगी समाप्त,
- अप्रैल–मई 2025 में हो सकते हैं चुनाव,