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IAS अभिषेक प्रकाश घूसकांड: 200 एकड़ जमीन, रिश्वत और सोलर कंपनी का बड़ा खुलासा

IAS Abhishek Prakash Case – उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टमेंट और बिजनेस ग्रोथ को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशों पर बड़ा झटका लगा है। सोलर एनर्जी से जुड़ी एक कंपनी से 5% कमीशन मांगने के आरोप में IAS अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया गया है। मामला तब और गंभीर हो गया जब पता चला कि जिस कंपनी ने रिश्वत का खुलासा किया, उसे ही यमुना सिटी में 200 एकड़ जमीन आवंटित करने की सिफारिश की गई थी। अब इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहे हैं।


IAS अभिषेक प्रकाश घूसकांड: जानिए पूरा मामला

IAS अभिषेक प्रकाश इन्वेस्ट यूपी के CEO के रूप में कार्यरत थे। SAEL Solar P6 Private Limited नामक कंपनी नोएडा में सोलर पैनल और सोलर उपकरण निर्माण का निवेश करना चाहती थी।

  1. फरवरी 2025 में यमुना अथॉरिटी ने सेक्टर-8 में इस कंपनी के लिए 200 एकड़ जमीन आवंटित करने की सिफारिश की।
  2. कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता के मुताबिक, एक निजी व्यक्ति ने इस निवेश को मंजूरी दिलाने के बदले 5% रिश्वत मांगी।
  3. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक यह शिकायत पहुंचने के बाद IAS अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया
  4. इस मामले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले निकांत जैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया

IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ अब और होगी जांच

इस घोटाले के सामने आने के बाद ED (प्रवर्तन निदेशालय) और विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। कुछ प्रमुख पहलू जो जांच के दायरे में हैं:

  • पुराने निवेश प्रस्तावों की समीक्षा: अभिषेक प्रकाश इन्वेस्ट यूपी के CEO के रूप में ढाई साल से ज्यादा समय तक कार्यरत थे। इस दौरान लिए गए सभी फैसलों की जांच की जाएगी।
  • अवैध लेन-देन का खुलासा: ED यह भी जांच कर रही है कि निकांत जैन की संपत्ति अचानक कैसे बढ़ी और उसका IAS अधिकारी से क्या संबंध था?
  • भूमि अधिग्रहण घोटाला: डिफेंस कॉरिडोर और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन आवंटन में अनियमितताओं की जांच होगी।

सरकार का सख्त रुख: क्या होगी आगे की कार्रवाई?

इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने Zero Tolerance Policy अपनाते हुए IAS अधिकारी को तत्काल निलंबित किया। साथ ही, अब अन्य नौकरशाहों और कंसल्टिंग फर्म के कार्मिकों की भूमिका भी जांच के घेरे में आ गई है।

संभावित कदम:

✅ ED और विजिलेंस जांच के बाद अभिषेक प्रकाश की संपत्ति कुर्क हो सकती है
✅ निकांत जैन से पूछताछ के आधार पर अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है
✅ यूपी सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए नए नियम लागू कर सकती है


क्या इस घोटाले से यूपी में निवेश प्रभावित होगा?

उत्तर प्रदेश सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और अन्य बड़े इवेंट्स के जरिए निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस तरह के घोटाले सरकार की छवि और निवेशकों के विश्वास पर असर डाल सकते हैं।

हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तेज कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है


निष्कर्ष: IAS अभिषेक प्रकाश केस क्या संकेत देता है?

IAS अभिषेक प्रकाश घूसकांड ने यह साबित कर दिया कि सरकारी सिस्टम में अब भी भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं। लेकिन योगी सरकार की त्वरित कार्रवाई ने यह भी दिखा दिया कि अब भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।

क्या आपको लगता है कि इस घोटाले में और बड़े नाम सामने आ सकते हैं?

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