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उत्तराखंड सरकार ने नकली और नशीली दवाओं के खिलाफ शुरू किया ‘ऑपरेशन क्लीन’ – जानें पूरी जानकारी

रिपोर्ट: राजकुमार केसरवानी
देहरादून, उत्तराखंड

देहरादून, उत्तराखंड। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सरकार ने नकली (Spurious), अधोमानक (Substandard) और नशीली दवाओं के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है। इस “ऑपरेशन क्लीन” का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड को “नशा मुक्त राज्य” बनाना और लोगों को सुरक्षित व गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना है।

ऑपरेशन क्लीन: उत्तराखंड सरकार की बड़ी पहल

1. नकली दवाओं पर सख्त कार्रवाई

  • भारत-नेपाल सीमा (धारचूला, झूलाघाट, टनकपुर, बनबसा, खटीमा) पर विशेष निगरानी।
  • नकली दवाओं के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर रोक लगाई जाएगी।
  • औषधि निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और मेडिकल स्टोर्स की अचानक जांच की जाएगी।

2. क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) का गठन

  • हेमंत सिंह नेगी (सहायक औषधि नियंत्रक) की अगुवाई में 8 सदस्यीय विशेष टीम बनाई गई है।
  • यह टीम संदिग्ध दवाओं की जांच, छापेमारी और त्वरित कार्रवाई करेगी।

3. टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी

  • नकली या नशीली दवाओं की शिकायत 18001804246 पर दर्ज कराई जा सकती है।
  • शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

4. जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा

  • स्कूलों और कॉलेजों में नशामुक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
  • सोशल मीडिया, रेडियो, पोस्टर और एनजीओ के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा।

5. मुख्यमंत्री धामी की शून्य सहनशीलता नीति

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि नकली और नशीली दवाओं के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी
  • दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

क्यों जरूरी है यह अभियान?

  • नकली दवाएं स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होती हैं और जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।
  • नशीली दवाओं की रोकथाम से युवाओं को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
  • सुरक्षित दवाओं की उपलब्धता से आम जनता का विश्वास बढ़ेगा।

निष्कर्ष:

उत्तराखंड सरकार का “ऑपरेशन क्लीन” नकली और नशीली दवाओं के खिलाफ एक सशक्त कदम है। इससे न केवल युवाओं को नशे से बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि जनस्वास्थ्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।