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बरेली में वक्फ संशोधन कानून के तहत पहली बड़ी कार्रवाई, कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों पर FIR


उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में वक्फ संशोधन कानून (Waqf Amendment Act) लागू होने के बाद पहली बड़ी कार्रवाई हुई है। सीबीगंज थाना क्षेत्र के सरनियां गांव में कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जा और फर्जी ट्रस्ट बनाकर संपत्ति हड़पने के मामले में एक ही परिवार के 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

सरकारी कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जे का आरोप

बरेली के सीबीगंज थाना क्षेत्र के सरनियां गांव निवासी पुत्तन शाह ने एसएसपी अनुराग आर्य को शिकायत देकर बताया कि गांव में स्थित एक तीन बीघा जमीन कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज है, जो कि सरकारी भूमि है। पुत्तन के अनुसार, गांव के ही सब्जे अली ने इस जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया। उसने एक फकीर सैयद हामिद हसन को आधार बनाकर वहां मजार स्थापित कर दी और फिर धीरे-धीरे पूरी जमीन पर कब्जा कर लिया।

फर्जी ट्रस्ट बनाकर किया पंजीकरण

शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक ट्रस्ट का पंजीकरण कराया और खुद को उसका अध्यक्ष घोषित किया। इसके बाद कब्जाई गई सरकारी जमीन को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में पंजीकृत करा लिया। इतना ही नहीं, उन्होंने पुत्तन के खिलाफ 2021 में कोर्ट में वाद भी दायर कर दिया, लेकिन उन्हें वहां कोई राहत नहीं मिली।

विरोध करने पर पुत्तन से की गई मारपीट

जब पुत्तन शाह ने इस अवैध कब्जे का विरोध किया, तो आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की। पीड़ित पुत्तन ने हार नहीं मानी और लगातार प्रशासन से न्याय की मांग करता रहा।

एसएसपी की जांच में सच आया सामने

वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद पुत्तन ने दोबारा एसएसपी अनुराग आर्य से शिकायत की। एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद सब्जे अली सहित परिवार के 11 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी कागजात तैयार करने और सरकारी जमीन पर कब्जा करने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।

उत्तर प्रदेश में वक्फ कानून के तहत पहली कार्रवाई

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद प्रदेश में यह पहली कार्रवाई है, जो बरेली में की गई है। यह कदम सरकारी जमीनों को बचाने और फर्जी वक्फ ट्रस्ट के माध्यम से कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त संदेश देने के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।


निष्कर्ष

यह मामला इस बात का प्रतीक है कि अब फर्जीवाड़े और सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कानून सख्ती से अपना काम करेगा। वक्फ संशोधन कानून के तहत हुई यह पहली कार्रवाई पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल है।