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बरेली में समाजवादी पार्टी का ऐतिहासिक धरना: मनोहर सिंह पटेल बोले – भाजपा संविधान खत्म करना चाहती है



बरेली में 30 अप्रैल 2025 को सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में समाजवादी पार्टी द्वारा संविधान और सामाजिक न्याय के समर्थन में विशाल धरना। मनोहर सिंह पटेल ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप।


बरेली: संविधान, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के लिए समाजवादी पार्टी का बड़ा प्रदर्शन

बरेली, 30 अप्रैल 2025:
समाजवादी पार्टी ने आज बरेली के सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में एक ऐतिहासिक धरना-प्रदर्शन कर देश और प्रदेश में बढ़ती संविधान विरोधी प्रवृत्तियों के खिलाफ जोरदार आवाज़ उठाई। हजारों की संख्या में उपस्थित जनता और कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए सामाजिक सौहार्द और लोकतंत्र की रक्षा की मांग की।


मनोहर सिंह पटेल ने साधा भाजपा पर निशाना

धरने को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के बरेली जिला उपाध्यक्ष मनोहर सिंह पटेल ने कहा:

“भाजपा एक संविधान विरोधी पार्टी है। वह दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को उनके अधिकारों से वंचित करना चाहती है। वे लोकसभा में बिना बहस के जबरन बिल पास कर रहे हैं और PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) एकता को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार दलितों पर हमले हो रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।


प्रदर्शन की पृष्ठभूमि: धमकी और विद्वेष के खिलाफ जनआक्रोश

यह धरना करणी सेना द्वारा राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को दी गई जान से मारने की धमकी और जातीय विद्वेष फैलाने वाली टिप्पणियों के खिलाफ आयोजित किया गया था। इस विरोध प्रदर्शन में रामजी लाल सुमन और युवा नेता अशोक यादव भी मौजूद रहे।


गूंजे नारों से भरा प्रदर्शन स्थल

प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने ये नारे लगाए:

  • “संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ”
  • “जातिवाद मुर्दाबाद”
  • “नफरत नहीं, भाईचारा चाहिए”

राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन: चार अहम मांगें

समाजवादी पार्टी ने राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखीं:

  1. रामजी लाल सुमन को तुरंत सुरक्षा प्रदान की जाए।
  2. धमकी देने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो।
  3. जातीय विद्वेष फैलाने वालों पर FIR दर्ज की जाए।
  4. सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों पर रोक लगे।

धरना बना बदलाव का प्रतीक

बरेली का यह धरना केवल विरोध नहीं, बल्कि समाज में भाईचारा, समानता और संविधान के संरक्षण की एक नई शुरुआत है। समाजवादी पार्टी ने यह दिखा दिया कि जब लोकतंत्र पर खतरा हो, तो वह सड़क पर उतरकर जनता की आवाज़ बनती है।