
Report – D P MISHRA
Palia Kala khiri
2006 से लंबित है मामला, अब कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज | जानें पूरा मामला
एलायंस बिल्डर्स ने फ्लैट बुकिंग के नाम पर लखीमपुर खीरी निवासी से ₹7.5 लाख की ठगी की। जानें कैसे कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज हुई और क्या है इस घोटाले की सच्चाई।
एलायंस बिल्डर्स का फ्लैट बुकिंग घोटाला: मामला क्या है?
उत्तर प्रदेश के बरेली में एलायंस बिल्डर्स पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं। लखीमपुर खीरी के निवासी मुकेश कुमार गुप्ता ने 2006 में अपनी बहन के साथ मिलकर इस कंपनी के “सिटीवन प्रोजेक्ट” में फ्लैट बुक किया था। उन्होंने ₹7.5 लाख रुपये चेक के माध्यम से दिए, लेकिन 18 साल बाद भी न तो फ्लैट मिला और न ही रकम वापस की गई।
कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज, डायरेक्टर्स के खिलाफ मामला दर्ज
मुकेश गुप्ता की शिकायत पर कोर्ट के आदेश के बाद बरेली के बारादरी थाने में एलायंस बिल्डर्स के डायरेक्टर्स—अमनदीप सिंह, रमनदीप सिंह, हनी भाटिया, युवराज सिंह, सत्यवीर सिंह और अरविंदर सिंह—के खिलाफ FIR दर्ज हुई है।
विज्ञापनों से प्रभावित होकर हुई बुकिंग
एलायंस ग्रुप ने शुरुआत में प्रोजेक्ट का बड़े स्तर पर प्रचार किया, जिसमें सुविधाजनक और किफायती फ्लैट देने का वादा था। गुप्ता परिवार इन वादों से प्रभावित होकर फ्लैट बुक करने के लिए प्रेरित हुआ। लेकिन बाद में जब काम पूरा नहीं हुआ, तो शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
देश छोड़ने की फिराक में आरोपी, लुकआउट नोटिस जारी
FIR दर्ज होते ही आरोपियों ने अपने मोबाइल नंबर बंद कर लिए और विदेश भागने की योजना बनाने लगे। पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए चार प्रमुख आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है, ताकि वे देश से बाहर न जा सकें। इज्जतनगर पुलिस ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को उनकी फोटो और जानकारी भी भेज दी है।
भूमाफिया घोषित हुए एलायंस बिल्डर्स के डायरेक्टर्स
बरेली के जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने नवंबर में एलायंस बिल्डर्स से जुड़े 7 लोगों को भूमाफिया घोषित किया था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने मुखौटा कंपनियों के जरिए सीलिंग की जमीन बेचकर करोड़ों रुपये की कमाई की।
पुलिस जांच और कागजात की पड़ताल जारी
पुलिस ने बीडीए, कलेक्ट्रेट और उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद से सभी संबंधित दस्तावेजों की मांग की है। एलायंस ग्रुप के स्टेडियम रोड स्थित ऑफिस पर भी दबिश दी गई, जहां कई फर्जी फर्मों के बारे में जानकारी मिली है।
निष्कर्ष: आम जनता को सतर्क रहने की ज़रूरत
यह मामला एक बड़ा सबक है उन लोगों के लिए जो रियल एस्टेट में निवेश करते हैं। बिना उचित जांच-पड़ताल के किसी भी बिल्डर पर भरोसा करना भारी नुकसान दे सकता है।