
योगी सरकार की मक्का बीज वितरण योजना में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़। किसानों को मिलने वाला बीज खुले बाजार में बेच दिया गया। पढ़ें पूरी सच्चाई।
उत्तर प्रदेश: मक्का बीज वितरण योजना में सामने आया बड़ा घोटाला
उत्तर प्रदेश सरकार की त्वरित मक्का बीज वितरण योजना का उद्देश्य किसानों को संकर प्रजाति का बीज मुफ्त में वितरित करना था, ताकि मक्के का उत्पादन बढ़े और किसानों की आय दोगुनी हो सके। लेकिन अब यह योजना भ्रष्टाचार और घोटाले का शिकार बन चुकी है।
क्या है पूरा मामला?
बदायूं जिले के रामनगर ब्लॉक बीज गोदाम प्रभारी यज्ञदेव शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने सरकार से आए 120 कुंतल मक्के के बीज को मुफ्त में किसानों को न देकर, उसे उझानी कस्बे के खुले बाजार में बेच दिया। इससे मिलने वाली पूरी रकम उन्होंने हड़प ली, और इसमें जिला कृषि अधिकारी व अन्य उच्च अधिकारी भी शामिल बताए जा रहे हैं।
फर्जी वितरण, फर्जी किसान
कृषि विभाग ने इस बीज वितरण को लेकर झूठी एंट्रियां कृषि पोर्टल पर दर्शाईं। फर्जी किसानों की सूची डालकर यह दिखाने की कोशिश की गई कि बीज वितरण हो चुका है। लेकिन जब मामला सामने आया तो असली दस्तावेज हटाए गए, ताकि घोटाले की सच्चाई न खुल सके।
किसे ठग रही है व्यवस्था?
इस घोटाले में 11 ब्लॉकों के बीज गोदाम प्रभारी शामिल हैं। सभी ने मक्के का बीज बाजार में बेचकर ऊपरी अधिकारियों को रकम पहुंचाई। इस तरह किसानों को मुफ्त में बीज तो नहीं मिला, लेकिन सरकारी योजनाओं की आड़ में एक संगठित लूट जरूर हो गई।
जवाबदेही से बचते अधिकारी
जब मीडिया ने बीज गोदाम प्रभारी यज्ञदेव शर्मा और जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी से संपर्क करने की कोशिश की, तो दोनों ने फोन रिसीव नहीं किया। इससे साफ है कि पूरे मामले में उच्च स्तर तक मिलीभगत है।
निष्कर्ष: किसानों के नाम पर भ्रष्टाचार कब रुकेगा?
यह मामला न सिर्फ किसानों के अधिकारों पर डाका है, बल्कि सरकार की योजनाओं पर लोगों का भरोसा भी डगमगाता है। यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तो भविष्य में कोई भी योजना अपने असली लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाएगी।