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नाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार: डीएम ने दिए सख्त निर्देश, मुख्यमंत्री कर रहे निगरानी


बरेली की धार्मिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के लिए प्रस्तावित नाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट अब तेजी पकड़ने जा रहा है। लंबे समय से सुस्त रफ्तार से चल रही इस परियोजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने संबंधित एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कार्यों में अब तेजी, गुणवत्ता और पारदर्शिता लाई जाए।

डीएम ने जताया असंतोष, दिए स्पष्ट निर्देश

कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में डीएम अविनाश सिंह ने प्रोजेक्ट की धीमी प्रगति और कार्यों की गुणवत्ता पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना की निगरानी स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रमुख निर्देश:

  • कार्यों को तय समयसीमा में पूर्ण करें
  • निर्माण में भव्यता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो
  • सभी एजेंसियों में आपसी समन्वय बना रहे
  • अन्य जिलों में बने कॉरिडोर से मार्गदर्शन लिया जाए

मंदिर परिसरों का होगा सौंदर्यीकरण

परियोजना के अंतर्गत पशुपतिनाथ, अलखनाथ, तुलसीमठ, त्रिवटीनाथ, वनखंडी नाथ, तपेश्वर नाथ और मढ़ीनाथ मंदिरों में विकास कार्य प्रस्तावित हैं। इनमें प्रवेश द्वार, धर्मशाला, ओपन थिएटर, शौचालय, लाइब्रेरी, प्रसाद शॉप और पार्किंग जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।

डीएम ने निर्देश दिया कि टाइल्स या ग्रेनाइट जैसी निर्माण सामग्री के चयन से पूर्व उच्चाधिकारियों से परामर्श जरूर लिया जाए ताकि निर्माण की गुणवत्ता उच्चतम स्तर की बनी रहे।

महंतों ने रखीं समस्याएं

बैठक में मंदिरों के महंतों ने भी अपनी समस्याएं रखीं। मढ़ीनाथ मंदिर के महंत ने परिसर में जलभराव की समस्या उठाई, जबकि पशुपतिनाथ मंदिर के महंत ने मुख्य सड़क से मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर पानी भरने की शिकायत की। इस पर डीएम ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल समाधान करने के निर्देश दिए।

एक नजर में – नाथ कॉरिडोर के प्रमुख उद्देश्य

  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना
  • प्राचीन मंदिरों का सौंदर्यीकरण और संरक्षण
  • श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना
  • बरेली को धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करना

निष्कर्ष

नाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि बरेली की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को नया आयाम देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। अब जबकि जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं और मुख्यमंत्री स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं, तो उम्मीद की जा सकती है कि यह प्रोजेक्ट शीघ्र ही मूर्त रूप लेगा और बरेली एक नया धार्मिक और पर्यटन केंद्र बनकर उभरेगा।