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बरेली: दो नाबालिग बहनों ने SSP ऑफिस पहुंचकर लगाई गुहार – “बड़ी बहन को बचा लीजिए, घरवाले मार डालेंगे”

बरेली, उत्तर प्रदेश | 4 जून 2025
बरेली जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। इफ्को कॉलोनी, लाल फाटक, कंधरपुर (बरेली) की रहने वाली दो नाबालिग बहनों, अनुष्का यादव और तनुष्का यादव ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कार्यालय पहुँचकर अपनी बड़ी बहन प्रीति यादव को बचाने की भावुक अपील की है।

दोनों बहनों का आरोप है कि घर के सदस्य उनकी बड़ी बहन की संपत्ति हड़पने और जबरन शादी कराने के लिए उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। विरोध करने पर प्रीति यादव को बेरहमी से पीटा गया, करंट लगाया गया, और फिर पागल घोषित कर मानसिक चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया गया।


MBA पास प्रीति यादव की जान को खतरा

शिकायत में कहा गया है कि प्रीति यादव एक पढ़ी-लिखी युवती हैं जिन्होंने MBA किया है और उनके नाम पर ₹25 लाख की एफडी और बैंक खातों में धनराशि है। बहनों के अनुसार, परिवार के सदस्य इस संपत्ति को हड़पने के लिए उनकी बहन की मानसिक स्थिति को गलत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।


जबरन शादी और मानसिक अस्पताल में भर्ती

अनुष्का और तनुष्का ने बताया कि उनके पिता अमरपाल सिंह यादव, भाई वीरम यादव, भाभी शिवांगी, ताऊ का बेटा सूरज, सूरज की पत्नी मिथलेश, चाचा राजेश और रामपाल, और अन्य परिवारजन मिलकर पहले उनकी बहन को पीटते रहे, फिर 16 मई को जबरन उन्हें बेहोश कर कार में डालकर मानसिक अस्पताल ले गए।

दोनों बहनों ने बताया कि उन्हें भी घर में बंद कर पीटा गया ताकि वे पुलिस को सूचना न दे सकें।


वीडियो सबूत मौजूद, जान को खतरा

प्रार्थनापत्र में बहनों ने यह भी लिखा है कि उनके पास प्रीति यादव की पिटाई और गला दबाने के वीडियो सबूत हैं। उन्होंने SSP से यह शिकायत गोपनीय रखने की भी गुजारिश की है, क्योंकि उन्हें डर है कि घरवालों को पता चलने पर उनकी भी हत्या कर दी जा सकती है।


SSP, महिला आयोग व मुख्यमंत्री को भेजी प्रतिलिपि

अनुष्का और तनुष्का ने अपनी शिकायत की प्रतिलिपि निम्न अधिकारियों को भी भेजी है:

  • मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
  • पुलिस महानिरीक्षक, बरेली ज़ोन
  • राज्य महिला आयोग, लखनऊ
  • मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश

उन्होंने मांग की है कि उनकी बड़ी बहन को तत्काल मानसिक अस्पताल से छुड़ाया जाए, दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए और उन्हें एवं उनकी बहन को सुरक्षा दी जाए।


क्या बोले SSP कार्यालय के अधिकारी?

अब तक SSP कार्यालय की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन चूंकि मामला बेहद गंभीर और नाबालिगों से जुड़ा है, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि जांच के आदेश जल्द दिए जाएंगे।



📌 निष्कर्ष:

इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या एक पढ़ी-लिखी, आत्मनिर्भर महिला अपने ही परिवार में सुरक्षित है? अगर समय रहते प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो यह मामला किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।

जनता और प्रशासन से अपील है कि समय पर हस्तक्षेप कर प्रीति यादव की जान बचाई जाए।