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झांसी से शुरू हुआ ‘नक्शा’ अभियान: अब हेलीकॉप्टर से होगा शहरी जमीन का डिजिटल सर्वेक्षण


भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा डिजिटल इंडिया के अंतर्गत चलाए जा रहे भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम को अब नया आयाम दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण भूमि अभिलेखों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना, पारदर्शिता बढ़ाना और संपत्ति विवादों को समाप्त करना है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश के झांसी और गोरखपुर शहरों से ‘नक्शा परियोजना’ (NaKSHA – National Geospatial Knowledge Based Survey of Urban Habitations) की शुरुआत की गई है।

क्या है ‘नक्शा’ परियोजना?

‘नक्शा’ परियोजना का उद्देश्य शहरी इलाकों का सटीक जियोस्पेशियल सर्वेक्षण करना है। इस सर्वेक्षण में LiDAR तकनीक (Light Detection and Ranging) का उपयोग किया जा रहा है, जिससे जमीन की ऊँचाई, इमारतों की संरचना और भू-सीमाओं का 3D नक्शा तैयार किया जाएगा।

झांसी में शुरू हुआ दूसरा चरण

इस योजना के दूसरे चरण में 11 और 12 अप्रैल को झांसी के आसमान में हेलीकॉप्टर द्वारा हवाई सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वेक्षण के लिए शहर में 128 प्रमुख स्थानों को चिन्हित किया गया है। इन बिंदुओं को आधार बनाकर 161 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करते हुए तस्वीरें ली जा रही हैं।

कैसे हो रहा है सर्वेक्षण?

  • हेलीकॉप्टर में लगे LiDAR सेंसर जमीन से ऊँचाई और संरचना का डेटा इकट्ठा कर रहे हैं।
  • कैमरों की मदद से घर-घर की तस्वीरें ली जा रही हैं ताकि हर संपत्ति का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जा सके।
  • इससे पहले पहले चरण में हेलीकॉप्टर ने झांसी की लगभग सभी इमारतों की छवियां कैप्चर की थीं।

क्या है इस परियोजना का लाभ?

  1. संपत्ति की पहचान होगी आसान: हर मकान और प्लॉट की सटीक पहचान डिजिटल नक्शों में दर्ज होगी।
  2. विवाद रहित भूमि प्रबंधन: मालिकाना हक की स्पष्टता आएगी जिससे कानूनी विवादों में कमी आएगी।
  3. शहरी विकास को मिलेगा बल: नगर नियोजन, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और टैक्स कलेक्शन में पारदर्शिता आएगी।
  4. डिजिटल इंडिया को मिलेगा बढ़ावा: भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण सरकार की डिजिटल इंडिया योजना को मजबूती देगा।

आगे की योजना क्या है?

‘नक्शा’ परियोजना का अगला चरण अन्य शहरी निकायों, नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में भी लागू किया जाएगा। झांसी और गोरखपुर की सफलता के बाद इस मॉडल को पूरे उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में अपनाने की योजना है।


निष्कर्ष:

‘नक्शा’ परियोजना न केवल तकनीकी दृष्टि से एक क्रांतिकारी पहल है, बल्कि यह भारत के भूमि प्रबंधन सिस्टम को आधुनिक, पारदर्शी और विवादमुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। झांसी जैसे ऐतिहासिक शहर से इसकी शुरुआत इस बात का संकेत है कि भारत अब भविष्य की स्मार्ट और डिजिटली सक्षम शहरी व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।