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AIमें कुशलता की जरूरी राह: भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की तैयारी


🌐 एआई में कुशलता की जरूरी राह: भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की तैयारी


श्रेणी: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस | भारत की अर्थव्यवस्था | भविष्य की नौकरियां


🔍 भूमिका

आज दुनिया जिस तेजी से तकनीकी क्रांति की ओर बढ़ रही है, उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक गेमचेंजर के रूप में उभरा है। भारत भी इस परिवर्तनकारी तकनीक को अपनाने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का बड़ा आधार एआई ही बनेगा।


📈 भारत की अर्थव्यवस्था में AI की भूमिका

1. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने यह संकेत दिया है कि AI अपनाने वाले उद्योग भारत को 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना सकते हैं।

2. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ‘AI क्रांति’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2047 तक 23-25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, और इसके लिए 10 लाख एआई पेशेवरों की जरूरत पड़ेगी।

3. गूगल की रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक भारत को AI के जरिए 33.8 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ हो सकता है।


🌍 वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति

  • OpenAI के CEO सैम आल्टमैन के अनुसार, भारत AI के लिए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है।
  • गूगल के CEO सुंदर पिचाई का मानना है कि भारत AI के क्षेत्र में विश्व नेतृत्व कर सकता है।
  • माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला ने भारत की गणितीय प्रतिभा और नई पीढ़ी की संभावनाओं को सराहा है।

👨‍💻 नौकरियों का भविष्य: कौन से स्किल होंगे जरूरी?

विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार:

  • 2030 तक 17 करोड़ नई नौकरियां एआई में बनेंगी।
  • वहीं 9.2 करोड़ पारंपरिक नौकरियां समाप्त हो जाएंगी।
  • उच्च मांग वाले स्किल्स:
    • एआई डेटा विशेषज्ञ
    • मशीन लर्निंग इंजीनियर
    • साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ
    • क्लाउड कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन डेवलपर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि तकनीक नौकरियां खत्म नहीं करती, बल्कि नई नौकरियों का सृजन करती है।


🎯 भारत की चुनौतियां और समाधान

चुनौतियां:

  • उत्पादकता की रफ्तार विकास की अपेक्षा से कम है।
  • इंजीनियरिंग शिक्षा और AI स्किलिंग में बड़ा अंतर है।

समाधान:

  • AI मिशन के तहत स्किल्ड मैनपावर तैयार करना।
  • सरकारी और निजी क्षेत्र की साझेदारी से एआई को बढ़ावा देना।
  • AI मॉडल जैसे भारतजेन, ऐरावत, एवरेस्ट आदि का विकास।
  • इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा में बदलाव।
  • स्वदेशी जनरेटिव AI मॉडल का निर्माण।

🚀 निष्कर्ष: AI से सशक्त भारत की ओर

यदि भारत की नई पीढ़ी को AI, डाटा साइंस, साइबर सुरक्षा और मशीन लर्निंग जैसे आधुनिक तकनीकी कौशल से लैस किया जाए, तो भारत केवल तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि एक तकनीकी महाशक्ति भी बन सकता है।

👉 सरकार और शिक्षा संस्थानों को मिलकर भविष्य की जरूरतों के अनुसार AI आधारित स्किल्स और रिसर्च इनोवेशन पर फोकस करना होगा।