
भारत की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियां अमेजन और फ्लिपकार्ट एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने इन कंपनियों के गोदामों पर छापेमारी कर करीब 76 लाख रुपये के घटिया और बिना प्रमाणित उत्पाद जब्त किए। यह कार्रवाई उपभोक्ता सुरक्षा और उत्पाद गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
बीआईएस की छापेमारी में क्या हुआ?
अमेजन पर कार्रवाई:
19 मार्च 2025 को मोहान सहकारी औद्योगिक क्षेत्र स्थित अमेजन सेलर्स प्राइवेट लिमिटेड के गोदाम पर 15 घंटे तक छापेमारी चली। इस दौरान गीजर, फूड मिक्सर सहित 3,500 से अधिक इलेक्ट्रिकल उत्पाद जब्त किए गए, जिनकी कुल कीमत करीब 70 लाख रुपये थी।
फ्लिपकार्ट पर कार्रवाई:
फ्लिपकार्ट की सब्सिडियरी इंस्टाकार्ट सर्विसेज के गोदाम से 590 जोड़ी स्पोर्ट्स फुटवियर जब्त किए गए। इन जूतों पर आवश्यक विनिर्माण चिह्न नहीं थे, जिससे उनकी प्रमाणिकता पर सवाल उठे। इनकी कीमत करीब 6 लाख रुपये आंकी गई।
यह पहली बार नहीं है जब बीआईएस ने इस तरह की कार्रवाई की हो। इससे पहले दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, लखनऊ और श्रीपेरंबदूर में भी छापेमारी कर बड़ी मात्रा में नकली और घटिया गुणवत्ता वाले उत्पाद जब्त किए गए थे।
ई-कॉमर्स में घटिया उत्पादों की बिक्री क्यों है चिंता का विषय?
1. उपभोक्ता सुरक्षा पर खतरा
ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर ग्राहकों को गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स मिलने की उम्मीद होती है। लेकिन अगर बिना प्रमाणपत्र वाले इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बेचे जा रहे हैं, तो यह उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
2. बीआईएस नियमों का उल्लंघन
भारत में 769 से अधिक उत्पाद श्रेणियों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणन अनिवार्य है। बिना उचित लाइसेंस के ऐसे प्रोडक्ट्स को बेचना बीआईएस अधिनियम, 2016 के तहत अपराध माना जाता है, जिसमें जुर्माना और जेल की सजा तक हो सकती है।
3. ई-कॉमर्स कंपनियों की जवाबदेही
अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म थर्ड-पार्टी सेलर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट बेचने की अनुमति देते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या इन कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले हर प्रोडक्ट की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए?
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए आगे की राह
सरकार अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के लिए नियम सख्त कर रही है। यदि ऐसी छापेमारी आगे भी जारी रहती है, तो अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को अपनी गुणवत्ता नियंत्रण नीतियों को मजबूत करना होगा।
संभावित कड़े नियम:
✔ प्रोडक्ट लिस्टिंग से पहले अनिवार्य BIS प्रमाणन जांच
✔ नियम तोड़ने वाले विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई
✔ उपभोक्ता शिकायतों के लिए बेहतर निगरानी प्रणाली
उपभोक्ता क्या कर सकते हैं?
- खरीदारी से पहले BIS प्रमाणन अवश्य जांचें।
- बहुत सस्ते और संदिग्ध उत्पादों से बचें।
- नकली और घटिया प्रोडक्ट्स की शिकायत करें।
निष्कर्ष
बीआईएस द्वारा की गई छापेमारी ई-कॉमर्स कंपनियों को एक कड़ा संदेश देती है कि गुणवत्ता और सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देना होगा।
आपका क्या मानना है? क्या ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले हर उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!