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बरेली का नटवरलाल: एफसीआई में 140 करोड़ का टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी, एसटीएफ ने लखनऊ से दबोचा

बरेली, उत्तर प्रदेश: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में 140 करोड़ रुपये के टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले नटवरलाल नजाहिर हुसैन को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शुक्रवार को लखनऊ के गोमतीनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया। आरोपी ने खुद को एफसीआई का वरिष्ठ अधिकारी बताकर व्यापारियों से फर्जी दस्तावेजों और पहचान पत्र के आधार पर ठगी की।

नजाहिर हुसैन ने कैसे की ठगी?

नजाहिर हुसैन, जो बरेली जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के अभयराजपुर गांव का रहने वाला है, ने सितंबर 2024 में एफसीआई के एम-वैल्यू जंक्शन पोर्टल पर पंजीकरण कराने और चावल व अनाज उठान का 140 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाने का वादा किया। इस वादे के बदले, उसने खुर्रमनगर निवासी कारोबारी रफत मुईन और जियाउद्दीन से चार करोड़ रुपये की रकम वसूली। ठगी के दौरान, आरोपी ने एफसीआई के निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर वाले दस्तावेज और अन्य फर्जी पहचान पत्र पेश किए थे, ताकि वह व्यापारियों को विश्वास में ले सके।

पहले भी कर चुका है ठगी

यह पहली बार नहीं है जब नजाहिर हुसैन ने ठगी की हो। पहले भी 2023 में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के काशीमीरा थाना क्षेत्र में उसने 40 लाख रुपये की ठगी की थी। उस मामले में वह दो महीने तक जेल में भी रहा था। अब उसकी गिरफ्तारी के बाद, एसटीएफ ने उसकी आपराधिक गतिविधियों पर जांच तेज कर दी है और उसके साथियों की तलाश जारी है।

एसटीएफ की गिरफ्तारी रणनीति

एसटीएफ को सूचना मिली थी कि नजाहिर हुसैन लखनऊ के विनीतखंड स्थित पुलिस मॉडर्न स्कूल के पास किसी से मिलने आ रहा है। इसके बाद, एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार करने के लिए घेराबंदी की और उसे दबोच लिया। एसटीएफ के अनुसार, नजाहिर हुसैन के अन्य सहयोगियों की तलाश जारी है। आरोपी के खिलाफ गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है और पुलिस अब मामले की विस्तृत जांच कर रही है।

गैंग के अन्य सदस्य फरार

एसटीएफ ने बताया कि नजाहिर हुसैन के सहयोगी अरविंद चौहान, अभिषेक ठाकुर, विशाल गर्ग, अभिषेक जैन और प्रकाश की तलाश जारी है। ये आरोपी बकाया एक करोड़ रुपये की वसूली के लिए पीड़ितों पर दबाव बना रहे थे।

निष्कर्ष

नजाहिर हुसैन की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि कैसे फर्जी दस्तावेज और अधिकारियों की आड़ में ठगी की जा सकती है। एसटीएफ की त्वरित कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी से यह मामला उजागर हुआ है। व्यापारियों को अब और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे धोखाधड़ी से बचा जा सके।