
बरेली के बिशारतगंज की एथेनॉल फैक्ट्री में हुए विस्फोट में मजदूर आदेश यादव की मौत हो गई। हादसे ने फैक्ट्री सुरक्षा मानकों और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बरेली: एथेनॉल फैक्ट्री विस्फोट में मजदूर की मौत, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
बरेली जिले के बिशारतगंज थाना क्षेत्र के इस्माइलपुर गांव में स्थित जिंदल ग्रुप की नवनिर्मित एथेनॉल फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। इस दुर्घटना में गंभीर रूप से झुलसे 28 वर्षीय आदेश यादव की शनिवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। आदेश अकेले परिवार के कमाने वाले थे, और उनके पीछे पत्नी मीरा देवी और चार मासूम बच्चे हैं।
हादसे की वजह बनी ओवरहीटिंग
प्राप्त जानकारी के अनुसार, फर्मेंटेशन टैंक में ओवरहीटिंग के कारण सोमवार को फैक्ट्री में जोरदार विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना तीव्र था कि टैंक की कैप करीब 500 मीटर दूर खेतों में जा गिरी। इसी दौरान आदेश यादव और उनके साथी चंद्रेश गंभीर रूप से झुलस गए। दोनों को बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान आदेश यादव ने दम तोड़ दिया। चंद्रेश की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
मुआवजा देकर दबाया मामला?
फैक्ट्री प्रबंधन ने आदेश यादव के परिजनों को 17 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया, जिसके बाद परिवार ने किसी कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया। हालांकि, अब तक फैक्ट्री की लापरवाही या सुरक्षा मानकों की जांच को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। यह स्थिति औद्योगिक सुरक्षा और प्रशासनिक निगरानी की गंभीर कमी को दर्शाती है।
प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक
इतनी बड़ी औद्योगिक दुर्घटना के बाद भी स्थानीय प्रशासन या फैक्ट्री प्रबंधन की तरफ से कोई स्पष्ट कार्रवाई या जांच की घोषणा न होना चिंताजनक है। इससे साफ है कि औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी आम हो चुकी है, और मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही।
निष्कर्ष
यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा तंत्र की विफलता का जीता-जागता उदाहरण है। एक मजदूर की मौत और एक की गंभीर हालत इस बात का प्रमाण है कि जब तक फैक्ट्रियों में सख्त सुरक्षा नियम लागू नहीं होंगे, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वह इस दुर्घटना की निष्पक्ष जांच कराए और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई करे। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कठोर औद्योगिक सुरक्षा कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जाए।