
बरेली, 26 मई 2025:
300 करोड़ से अधिक की ठगी कर हजारों निवेशकों की जिंदगी बर्बाद करने वाला श्री गंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड का एमडी राजेश मौर्य आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। कई सालों से फरार चल रहे इस बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड को क्राइम ब्रांच ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया।
अनिल साहू जैसे पीड़ितों के लिए न्याय की उम्मीद जगी है, जिन्होंने अपने जीवन की पूंजी खो दी थी। अनिल कुमार साहू ने बताया कि वह और उनका परिवार पिछले 7 वर्षों से मानसिक यातना से गुजर रहा था और आत्महत्या की कगार तक पहुंच गया था।
राजेश मौर्य पर पहले ही एनआई एक्ट 138 के तहत केस संख्या 900/22 दर्ज था। कोर्ट ने पहले बेलेबल, फिर नॉन बेलेबल वारंट जारी किया था। थाना बारादरी के इंस्पेक्टर श्री धनंजय पांडे और हेड कांस्टेबल विनोद सिंह की सख्ती और मेहनत रंग लाई, और 24 मई 2025 से पहले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
माननीय जज श्री हरिहर प्रसाद यादव की अनुपस्थिति के कारण मौर्य को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका और उसे बारादरी कोतवाली में ही रखा गया। अब 26 मई को सेशन कोर्ट-5 में गैंगस्टर एक्ट 2/3 के तहत केस नंबर 37/20 के अंतर्गत पेशी होगी, जहां जज गगन कुमार भारती इस हाई-प्रोफाइल केस में फैसला सुनाएंगे।
300 करोड़ से ज्यादा की ठगी, 8 गाड़ियाँ जब्त
एसपी क्राइम रमेश भारतीय के अनुसार, पूछताछ के दौरान मौर्य की निशानदेही पर 1.96 लाख रुपए नकद, मोबाइल, लैपटॉप बरामद किया गया। अब तक की जांच में 2,400 निवेशकों के 67 करोड़ रुपये की जानकारी सामने आई है।
जेल जाने से पहले रखी थी रकम वापसी की शर्त
जेल भेजने से पहले मौर्य ने प्रस्ताव रखा था कि उसे 18 महीने का समय मिले, निवेशक उसे 50-50 हजार रुपये दें, और वह पहले C, फिर B, फिर A ग्रेड निवेशकों को पैसा लौटाएगा। परंतु निवेशकों ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया।
पुलिस करेगी संपत्ति ज़ब्त
राजेश मौर्य की द्वारा खरीदी गई संपत्तियों को पुलिस अब ज़ब्त करने की प्रक्रिया में है। साथ ही, उसके सभी बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया गया है।
निवेशकों में पसोपेश
गिरफ्तारी के बाद भी हजारों निवेशक यह सोचकर परेशान हैं कि क्या उन्हें उनकी मेहनत की पूंजी मिल पाएगी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अब उम्मीद की जा रही है कि न्यायिक प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी।