
उत्तर प्रदेश सरकार ने बरेली को धार्मिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली के नाथ कॉरिडोर और प्राचीन मंदिरों के विकास के लिए ₹66.76 करोड़ की 13 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे न केवल सनातन संस्कृति को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय और बाहरी पर्यटकों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
नाथ नगरी बरेली: सात नाथ मंदिरों का गौरव
बरेली को नाथ नगरी कहा जाता है क्योंकि यहां सात प्राचीन नाथ मंदिर स्थित हैं। इन मंदिरों में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। अब इन मंदिरों का आधुनिकीकरण करके श्रद्धालुओं को बेहतर अवस्थापना सुविधाएं दी जाएंगी।
किन-किन मंदिरों का होगा विकास?
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि इन परियोजनाओं के अंतर्गत निम्नलिखित मंदिरों का विकास होगा:
- अलखनाथ मंदिर – ₹1167 लाख
- तुलसीमठ – ₹971 लाख
- तापेश्वरनाथ मंदिर – ₹836.9 लाख
- त्रिवटीनाथ मंदिर – ₹655.6 लाख
- पशुपतिनाथ मंदिर – ₹298.9 लाख
- धोपेश्वरनाथ मंदिर – ₹771.7 लाख
- कांवड़ यात्रा स्थलों का विकास – ₹401.9 लाख
- नाथ कॉरिडोर में साइनेज की स्थापना – ₹497.7 लाख
अन्य धार्मिक स्थलों पर भी ध्यान
इसके अलावा, राज्य सरकार ने कुछ अन्य धार्मिक स्थलों के विकास पर भी राशि स्वीकृत की है:
- रामगंगा मार्ग पर लेटे हनुमान मंदिर – ₹93.61 लाख
- मीरगंज मंदिर – ₹108.9 लाख
- भोजीपुरा प्राचीन शिव मंदिर – ₹181.5 लाख
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य है बरेली को पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करना और श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना। इससे न केवल धार्मिक आस्था को संबल मिलेगा, बल्कि बरेली की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
निष्कर्ष
बरेली में नाथ कॉरिडोर और मंदिर विकास परियोजनाएं उत्तर प्रदेश सरकार की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में बड़ी पहल हैं। आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र धार्मिक पर्यटन के लिए एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।