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बदायूं में प्रॉपर्टी डीलर से धोखाधड़ी: अमर ज्योति यूनिवर्स लिमिटेड के निदेशकों पर गंभीर आरोप

बदायूं (उत्तर प्रदेश) – रियल एस्टेट सेक्टर में एक बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। बदायूं शहर में स्थित दो संपत्तियों को फर्जी तरीके से बेचने का आरोप अमर ज्योति यूनिवर्स लिमिटेड के निदेशकों और उनके परिवार पर लगा है। यह शिकायत प्रॉपर्टी डीलर प्रदीप जैन ने की है, जिन्होंने इस संबंध में बरेली के एसएसपी को डाक के माध्यम से शिकायती पत्र भेजा है।


🏠 धोखाधड़ी से बेची गई संपत्तियां

प्रदीप जैन के अनुसार, बरेली के कटरा चांद खां मोहल्ला निवासी श्रीकांत, उनके भाई राशीकांत और सूर्यकांत उनसे मिले। उन्होंने बदायूं की दो संपत्तियां बेचने का प्रस्ताव दिया और भरोसा दिलाया कि इन संपत्तियों पर कोई कानूनी विवाद नहीं है।

भरोसा दिलाने के लिए माया देवी, रीता देवी, पदमारानी, वंदना और नीरज जैसी महिला हिस्सेदारों से फोन पर बात करवाई गई और पावर ऑफ अटॉर्नी भी दिखाया गया।

प्रदीप ने इन दस्तावेजों पर भरोसा करते हुए:

  • 83.31 वर्ग मीटर मकान को ₹17.80 लाख में
  • 205.4 वर्ग मीटर जमीन को ₹76.20 लाख में खरीदा।

लेकिन बाद में सामने आया कि यह दोनों संपत्तियां विवादित थीं।


🚫 कब्जे में मिला धोखा

जब प्रदीप मकान का कब्जा लेने पहुंचे, तो वहां प्रेमा देवी नाम की महिला का पहले से कब्जा था। उन्होंने बताया कि श्रीकांत ने उन्हें यह मकान 25 सितंबर 2019 को ही दे दिया था।

इसके बाद प्रदीप को जानकारी मिली कि जिन संपत्तियों का सौदा हुआ, वे दरअसल सीताराम जी महाराज और शिव जी महाराज के नाम पर पंजीकृत थीं। श्रीकांत सिर्फ एहतमाम के रूप में नामित थे और संपत्ति बेचने का उन्हें कोई अधिकार नहीं था।


💸 पैसे वापस मांगने पर भी नहीं मिला जवाब

प्रदीप ने इस धोखाधड़ी का पता लगते ही चेक भुगतान रुकवा दिए और कोर्ट से नोटिस भी भेजा। लेकिन श्रीकांत और उनके सहयोगियों ने कोई जवाब नहीं दिया।


🏢 अमर ज्योति यूनिवर्स लिमिटेड पर पहले से लगे हैं आरोप

प्रदीप को जानकारी मिली कि श्रीकांत, शशिकांत व अन्य लोग पहले भी अमर ज्योति यूनिवर्स लिमिटेड के जरिए निवेशकों से पैसा लेकर फरार हो चुके हैं। इस मामले में भी कई निवेशकों की बड़ी रकम डूब चुकी है।


👮 पुलिस ने तहरीर को जांच में शामिल किया

बरेली एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल उनके पास कोई औपचारिक तहरीर नहीं पहुंची है, लेकिन जो शिकायती पत्र मिला है, उसे जांच में शामिल कर लिया गया है।



✍️ निष्कर्ष: न्याय की उम्मीद में पीड़ित

यह मामला न केवल एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे फर्जी दस्तावेज और झूठे वादों से लोगों को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। रियल एस्टेट में निवेश करने वालों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। हर दस्तावेज की जांच, वकील की सलाह और उचित सत्यापन जरूरी है।


📢 यदि आपको भी किसी प्रॉपर्टी डीलिंग में संदेह हो, तो तुरंत पुलिस व प्रशासन को सूचित करें और कानूनी सलाह अवश्य लें।