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फर्जी दस्तावेजों से 2.63 करोड़ का घोटाला! सहकारी बैंक की दो शाखाओं में किसानों की योजनाओं की रकम गबन

शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश: जिला सहकारी बैंक की फरीदपुर और कनमन शाखाओं में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 2.63 करोड़ रुपये के घोटाले की साजिश पकड़ी गई है। इस धोखाधड़ी में पीएम किसान सम्मान निधि, विधवा पेंशन और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के फंड्स का गबन किया जा रहा था। एक सतर्क किसान की शिकायत के बाद बैंक प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर 83.12 लाख रुपये को बचा लिया।

कैसे हुआ घोटाला?

घोटालेबाजों ने सहकारी बैंक की दोनों शाखाओं में निम्न तरीकों से धोखाधड़ी की:

1. फरीदपुर शाखा में 1.64 करोड़ का गबन

  • 1093 किसानों के आधार कार्ड गलत तरीके से मैप कर 547 बचत खातों में 1.64 करोड़ रुपये जमा कराए गए।
  • इसमें से 97.62 लाख रुपये नकद निकाल लिए गए, जबकि 66.48 लाख रुपये बैंक में ही जमा रह गए।
  • 69 खातों से विधवा पेंशन, किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं के 18.87 लाख रुपये डेबिट कर नकद भुगतान करा लिया गया।
  • 92 निष्क्रिय खातों में 14.57 लाख रुपये का अनियमित लेन-देन पाया गया, जिसका स्रोत अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।

2. कनमन शाखा में 64.95 लाख का फर्जीवाड़ा

  • 265 बचत खातों में 352 लोगों के आधार कार्ड गलत तरीके से लिंक कर 54.48 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त किया गया।
  • इसमें से 35.84 लाख रुपये घोटालेबाजों ने निकाल लिए, जबकि 16.64 लाख रुपये बचा लिए गए।
  • 47 निष्क्रिय खातों में फर्जी आधार-पैन नंबर डालकर 12.47 लाख रुपये का सीधे नकद भुगतान कर लिया गया।

कैसे पकड़ा गया घोटाला?

  • शाहजहाँपुर के एक किसान ने पीएम किसान सम्मान निधि न मिलने की शिकायत की।
  • बैंक के महाप्रबंधक ने जांच में पाया कि उस किसान की राशि फरीदपुर शाखा में भेजी जा रही थी।
  • तुरंत निरीक्षण टीम भेजी गई, जिसने फरीदपुर और कनमन शाखाओं में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया।
  • कुल 83.12 लाख रुपये को गबन होने से बचा लिया गया।

अब क्या होगा?

  • जांच अधिकारियों ने बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका जताई है।
  • सहकारी बैंक की सभी 26 शाखाओं की जाँच शुरू की गई है।
  • खाता सत्यापन प्रक्रिया को सख्त करने और डिजिटल लेन-देन पर निगरानी बढ़ाने की मांग उठ रही है।

निष्कर्ष

यह मामला सहकारी बैंकों में नियंत्रण की कमी और योजनाओं के फंड्स की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। प्रशासन की सतर्कता से बड़ा घोटाला रुका, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई जरूरी है।