
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बार फिर हालात बेकाबू हो गए हैं। सिंधु नदी पर बनाए जा रहे विवादास्पद नहर परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी असंतोष है। इस परियोजना के खिलाफ हो रहा विरोध अब इतना उग्र हो गया है कि सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लांजार के घर को ही आग के हवाले कर दिया गया।
क्यों हुआ प्रदर्शन?
पाकिस्तान में लंबे समय से पानी की कमी एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है। खासकर सिंध प्रांत के लोग आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार सिंध को उसका वाजिब पानी नहीं दे रही है। सिंधु नदी पर बनाए जा रहे नहर को लोग अपने अधिकारों पर हमला मान रहे हैं।
गृह मंत्री का घर बना गुस्से का निशाना
मोरो शहर में प्रदर्शनकारियों ने गृह मंत्री जियाउल हसन लांजार के घर में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की और आगजनी की। चश्मदीदों के अनुसार, प्रदर्शनकारी AK-47 जैसे हथियारों से लैस थे। उन्होंने दो ट्रेलरों और कई मोटरसाइकिलों को भी जला डाला।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग की, जिससे तनाव और बढ़ गया। इस झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि एक DSP समेत कई लोग घायल हो गए। स्थिति को संभालने के लिए आस-पास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।
PPP की प्रतिक्रिया: साजिश या विरोध?
PPP सिंध के सूचना सचिव अजीज धामरा ने इस घटना को “आतंकवादी गतिविधि” बताया और कहा कि यह कोई साधारण विरोध नहीं, बल्कि राजनीतिक साजिश हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि विरोध करना सबका अधिकार है, लेकिन किसी नेता के घर पर हमला करना निंदनीय है।
भारत-पाक सिंधु जल विवाद भी पृष्ठभूमि में
दिलचस्प बात यह है कि यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत ने सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है। पाकिस्तान में यह आशंका और तेज हो गई है कि आने वाले समय में सिंधु नदी से पानी की आपूर्ति और घट सकती है।
निष्कर्ष: पाकिस्तान में पानी की लड़ाई और गहराई
इस घटना ने साबित कर दिया है कि पानी अब केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और सामाजिक संघर्ष का मुद्दा बन चुका है। पाकिस्तान सरकार को चाहिए कि वह पारदर्शिता और न्याय के साथ जल संसाधनों का प्रबंधन करे, ताकि आने वाले समय में और भी बड़ा संकट न खड़ा हो।