Tag Archives: #छात्रवृत्तिघोटाला

उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला: सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से गैर-कानूनी तरीके से अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का भुगतान

रिपोर्ट: राजकुमार केसरवानी, देहरादून

देहरादून, 15 जुलाई 2024 – उत्तराखंड सरकार ने राज्य के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के तहत हो रहे बड़े पैमाने के घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में सरस्वती शिशु मंदिर जैसे गैर-अल्पसंख्यक संस्थानों के नाम से छात्रवृत्ति प्राप्त करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

मुख्य बिंदु:

  • उधम सिंह नगर जिले के 6 संस्थानों में 456 संदिग्ध छात्रवृत्ति आवेदन
  • सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल, किच्छा को गलत तरीके से अल्पसंख्यक संस्थान दर्शाया गया
  • संस्थान के संचालक के रूप में मोहम्मद शारिक-अतीक का नाम दर्ज
  • 154 मुस्लिम छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने का दावा
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्वरित जांच के आदेश दिए

गहराता घोटाला:

जांच में पाया गया कि 2021-22 और 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर दर्ज किए गए आवेदनों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी। उधम सिंह नगर जिले के कुल 796 आवेदनों में से 456 आवेदन संदिग्ध पाए गए हैं।

जांच के घेरे में ये संस्थान:

  1. नेशनल अकादमी JMYIH, काशीपुर – 125 छात्र (संचालक: गुलशफा अंसारी)
  2. मदरसा अल जामिया उल मदरिया – 27 छात्र (संचालक: मोहम्मद फैजान)
  3. मदरसा अल्बिया रफीक उल उलूम, घनसारा बाजपुर – 39 छात्र (संचालक: जावेद अहमद)
  4. मदरसा जामिया आलिया, गदरपुर – 24 छात्र
  5. मदरसा जामिया रजा उल उलूम, बाजपुर – 85 छात्र (संचालक: इरशाद अली)

प्रशासन की कार्रवाई:

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग डॉ. पराग मधुकर धकाते को जांच का जिम्मा सौंपा है। जांच दल ने:

  • सभी संदिग्ध संस्थानों के बैंक खातों की जांच शुरू की
  • छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों की वास्तविकता सत्यापित करने का प्रक्रिया शुरू की
  • केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय से समन्वय स्थापित किया
  • 2 सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया

मुख्यमंत्री का बयान:

“देवभूमि में भ्रष्टाचार के किसी भी मामले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमने पूरी तरह से पारदर्शी जांच का आदेश दिया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

आगे की कार्रवाई:

  • सभी संदिग्ध मामलों की पुनर्जांच
  • दोषी पाए जाने वाले संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
  • भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश
  • छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता