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कुसुम नगर, बरेली: विकास के इंतज़ार में एक उपेक्षित मोहल्ला

Reporting -अजय सक्सेना
संपर्क: 9412527799, 9412627799

बरेली, उत्तर प्रदेश – शहरी सुविधाओं और ग्रामीण उपेक्षा के बीच झूलता कुसुम नगर आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। यहाँ के निवासी पिछले 20 साल से टूटी सड़कों, जलभराव और प्रशासनिक लापरवाही के कारण मुश्किल जीवन जीने को मजबूर हैं। इस ब्लॉग में हम कुसुम नगर की समस्याओं, उनके कारणों और संभावित समाधानों पर चर्चा करेंगे।


कुसुम नगर की प्रमुख समस्याएँ

1. 20 साल से टूटी सड़कें – कब होगा निर्माण?

  • कुसुम नगर को डोहरा रोड से जोड़ने वाली 200 मीटर की सड़क बेहद खराब हालत में है।
  • गड्ढों और कीचड़ के कारण वाहन चलाना मुश्किल है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
  • स्थानीय निवासी सुरेश पाल (सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी) बताते हैं – “हम कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन नगर निगम और ग्राम प्रधान बजट की कमी का बहाना बनाते हैं।”

2. जलभराव – मच्छरों और बीमारियों का अड्डा

  • जल निकासी व्यवस्था न होने के कारण बारिश का पानी इकट्ठा हो जाता है।
  • इससे डेंगू, मलेरिया और गैस्ट्रो जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
  • निवासी हिमांशु मिश्रा कहते हैं – “पानी भरने की वजह से घर से बाहर निकलना भी मुश्किल होता है।”

3. शिकायतों का फर्जी निस्तारण – प्रशासन की लापरवाही

  • निवासियों ने जन सुनवाई पोर्टल, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और स्थानीय नेताओं से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
  • कई मामलों में शिकायतों को “फर्जी तरीके से निपटा दिया गया”, जबकि समस्या वही की वही बनी हुई है।

क्यों हो रही है उपेक्षा?

  1. सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण – कुसुम नगर भोजीपुरा और बिथरी चैनपुर विधानसभा क्षेत्र की सीमा पर स्थित है, जिसके कारण किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान यहाँ नहीं जाता।
  2. बजट का बहाना – ग्राम प्रधान और नगर निगम अक्सर “बजट नहीं है” का हवाला देते हैं, जबकि आसपास बड़े बिल्डर्स ने आलीशान कोठियाँ बना रखी हैं।
  3. प्रशासनिक लापरवाही – अधिकारियों द्वारा शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जाता।

क्या हो सकता है समाधान?

  1. तुरंत सड़क मरम्मत और पक्की सड़क निर्माण – नगर निगम को इस कार्य को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  2. जल निकासी व्यवस्था सुधारने के लिए नालियों का निर्माण – जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए ड्रेनेज सिस्टम बनाया जाए।
  3. जनता-प्रशासन संवाद बढ़ाना – स्थानीय निवासियों की शिकायतों को वास्तव में सुना जाए और उनका निस्तारण किया जाए।

निष्कर्ष: क्या बदलाव की उम्मीद है?

कुसुम नगर के लोगों का सवाल है – “क्या शहर के पास रहने वाले लोगों को भी बुनियादी सुविधाओं का अधिकार नहीं?” अगर प्रशासन और जनप्रतिनिधि जल्द ही कार्रवाई नहीं करते हैं, तो यहाँ की स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

अगर आप भी कुसुम नगर की समस्याओं से जुड़ी जानकारी रखते हैं या कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो कमेंट में जरूर बताएँ!