
बरेली में चाइनीज मांझा बना जानलेवा खतरा। महादेव पुल पर हेड कांस्टेबल के बेटे की गर्दन मांझे से कटी, जिला अस्पताल में भर्ती। जानिए पूरी खबर।
बरेली। शहर में चाइनीज मांझा के कारण होने वाले हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मंगलवार सुबह महादेव पुल पर एक और दर्दनाक घटना सामने आई जब कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल रामनिवास यादव का बेटा अरुणेश यादव मांझे की चपेट में आ गया। उसकी गर्दन में गहरा घाव हुआ है और वह इस समय जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
ड्यूटी पर जाते समय हुआ हादसा
रामनिवास यादव प्रेमनगर थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर में रहते हैं। मंगलवार को वह अपने बेटे अरुणेश के साथ बाइक से कोतवाली जा रहे थे। बाइक अरुणेश चला रहा था। जैसे ही वे महादेव पुल से गुजरे, अचानक चाइनीज मांझा उसकी नाक और गर्दन में उलझ गया। मांझे की धार इतनी तेज थी कि वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा।
अस्पताल में भर्ती, हालत नाजुक
रामनिवास यादव ने तुरंत राहगीरों की मदद से अपने बेटे को जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने बताया कि गर्दन पर गहरा जख्म है और हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है।
बैन के बावजूद बिक रहा है चाइनीज मांझा
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। इसके बावजूद बरेली के बाजारों में यह मांझा खुलेआम बिक रहा है। पुलिस और प्रशासन ने कई बार छापेमारी कर इसे जब्त भी किया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस घटना के बाद शहरवासियों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि प्रशासन सिर्फ कागज़ी कार्रवाई कर रहा है, जबकि चाइनीज मांझा लगातार लोगों की जान को खतरे में डाल रहा है।
जनता और प्रशासन दोनों को सतर्क रहने की ज़रूरत
- दुकानदारों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- स्कूलों और कॉलोनियों में जागरूकता अभियान चलाया जाए।
- आम लोग चाइनीज मांझा बिकते देखें तो तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
निष्कर्ष:
बरेली में चाइनीज मांझा एक खुला खतरा बना हुआ है। जब तक प्रशासन इसे जड़ से खत्म नहीं करता, ऐसे जानलेवा हादसे होते रहेंगे। ज़रूरत है सख्त नियमों, जनजागरूकता और समाज की भागीदारी की।