
भारतीय सेना की सिग्नल अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर की हिंदी ब्रीफिंग में दिखाया आत्मविश्वास और पराक्रम, देशभर में तारीफों की बौछार
नई दिल्ली, 8 मई 2025:
भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने वाले ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व कर रहीं कर्नल सोफिया कुरैशी आज पूरे देश की शान बन चुकी हैं। बुधवार की सुबह जब उन्होंने “सुप्रभात, देवियो और सज्जनों” कहकर प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत की, तो वह केवल औपचारिकता नहीं थी — वह था एक सशक्त भारत की आवाज़।
गुजरात मूल की और तीसरी पीढ़ी की फौजी कर्नल सोफिया ने अपने आत्मविश्वास और सैन्य पराक्रम से न केवल पाकिस्तान को जवाब दिया, बल्कि देशवासियों के दिलों में गर्व भर दिया।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
- जन्म: 1976, पुणे
- प्रारंभिक शिक्षा: नौगांव (म.प्र.) और वडोदरा के केंद्रीय विद्यालय में
- शिक्षा: एमएस यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर
- 1999 में पीएचडी छोड़कर शॉर्ट सर्विस कमिशन से सेना में भर्ती
- 2006 में संयुक्त राष्ट्र मिशन में कांगो में तैनात
- 2016 में आसियान मिलिट्री एक्सरसाइज की अकेली महिला अफसर
कर्नल सोफिया वर्तमान में सिग्नल कोर में अधिकारी हैं और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के संचार और रणनीति की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का साहसी जवाब
भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में किए गए इस सैन्य ऑपरेशन में कई आतंकी लॉन्च पैड्स को तबाह किया गया। कर्नल सोफिया ने हिंदी में प्रेस को ऑपरेशन का पूरा विवरण दिया और भारत की सैन्य शक्ति, रणनीति और नैतिक मजबूती को विश्व के सामने प्रस्तुत किया।
परिवार की प्रतिक्रिया
- पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) ताज मोहम्मद कुरैशी: “बेटी ने देश का सिर ऊँचा किया है, अब गुलाम कश्मीर भी वापस आएगा।”
- मां हलीमा बेगम: “बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं। सोफिया ने हमें गौरवान्वित किया।”
- भाई संजय कुरैशी: “जैसे हमने पूरी दुनिया जीत ली हो।”
- बेटा समीर: वायुसेना में भर्ती की तैयारी कर रहा है।
कंधे से कंधा मिला रही थीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह
कर्नल सोफिया के साथ प्रेस वार्ता में मौजूद थीं वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जिन्होंने अंग्रेजी में ऑपरेशन की जानकारी दी। वह 2500+ घंटे की उड़ान का अनुभव रखती हैं और कई रेस्क्यू ऑपरेशनों में हिस्सा ले चुकी हैं।
क्यों खास है कर्नल सोफिया की कहानी?
कर्नल सोफिया सिर्फ एक फौजी अफसर नहीं, बल्कि भारतीय नारी शक्ति की प्रतीक बन गई हैं। उनके नेतृत्व, भाषा शैली और सांस्कृतिक गौरव ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया — भारत अब सहने वाला नहीं, बल्कि जवाब देने वाला देश है।
ऑपरेशन सिंदूर
केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की एकजुटता, संस्कृति और शक्ति का प्रदर्शन था। कर्नल सोफिया कुरैशी ने नारी शक्ति का नया चेहरा पेश किया — गरिमा के साथ जवाब देने वाली योद्धा।