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बरेली: ग्राम प्रधान पर घोटाले की शिकायत करने वालों पर जानलेवा हमला, IPC की धारा 307 में मुकदमा दर्ज


बरेली (उत्तर प्रदेश), 25 अप्रैल 2025 — उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद के थाना भमोरा क्षेत्र के कमुआन चंदपुर गांव में ग्राम प्रधान पर घोटाले की शिकायत करना कुछ ग्रामीणों को भारी पड़ गया। ग्राम विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद ग्राम प्रधान और उसके साथियों ने आरोप लगाने वालों पर जानलेवा हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल हुए पीड़ितों की शिकायत पर धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत केस दर्ज किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

कमुआन चंदपुर गांव के निवासी दीपू उपाध्याय, अनुज उपाध्याय, कुलदीप उपाध्याय व अन्य ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान अखिलेश उपाध्याय के खिलाफ जिला अधिकारी बरेली (DM Bareilly) को एक लिखित शिकायत सौंपी थी। शिकायत में आरोप था कि गांव के विकास कार्यों में घोर अनियमितताएं और वित्तीय घोटाले किए गए हैं।

जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में ग्राम प्रधान को दोषी पाया गया, जिससे प्रधान और उनके समर्थकों में नाराजगी फैल गई।

शिकायत करने वालों पर हुआ हमला

22 अप्रैल 2025 को दोपहर लगभग 1 बजे ग्राम प्रधान अखिलेश उपाध्याय ने अपने समर्थकों — नरेश उपाध्याय, महेश उपाध्याय, उमेश उपाध्याय, ब्रजेश उपाध्याय आदि के साथ मिलकर शिकायतकर्ताओं पर हमला कर दिया। पीड़ितों में शामिल हैं:

  • दीपू उपाध्याय
  • अनुज उपाध्याय
  • उत्तम उपाध्याय
  • संजीव उपाध्याय
  • राघव उपाध्याय
  • अचल मिश्रा

हमले में सभी गंभीर रूप से घायल हो गए। कुछ को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि अन्य को स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज मिला।

पुलिस में दर्ज हुआ गंभीर मामला

घटना के दो दिन बाद, 24 अप्रैल 2025 को थाना भमोरा में पीड़ितों की ओर से लिखित शिकायत दी गई, जिसके आधार पर ग्राम प्रधान अखिलेश उपाध्याय और उनके साथियों के खिलाफ IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगा), 323 (मारपीट), 504 (गाली-गलौच) और 506 (धमकी) के तहत FIR दर्ज की गई।

पुलिस ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

गांव में तनाव, पुलिस बल तैनात

हमले के बाद गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। भमोरा थाना पुलिस और पीएसी बल गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ग्राम पंचायत घोटाले और ग्रामीण सुरक्षा पर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर यह उजागर किया है कि ग्राम पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाना आज भी खतरनाक हो सकता है। ग्रामीणों की सुरक्षा और निष्पक्ष जांच की मांग जोर पकड़ रही है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

जिलाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मामले की जांच उच्च अधिकारियों की निगरानी में कराई जा रही है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो आरोपियों के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।