
बरेली में वृद्धावस्था पेंशन घोटाले का खुलासा, 1721 मृतकों के नाम पर पेंशन जारी। सत्यापन में पकड़ा गया घपला, रिकवरी की तैयारी। पूरी खबर पढ़ें।
बरेली, 1 मई 2025: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में वृद्धावस्था पेंशन योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। शासन के निर्देश पर किए गए सत्यापन में खुलासा हुआ कि 1721 मृत व्यक्ति अभी भी पेंशन प्राप्त कर रहे थे। यह घोटाला कर्मचारियों की लापरवाही, भ्रष्टाचार और दलालों की मिलीभगत का जीता-जागता सबूत है। बरेली में अब तक 68.42% सत्यापन पूरा हो चुका है, जिसके चलते जिला उत्तर प्रदेश के टॉप 10 जिलों में शामिल हो गया है। सत्यापन पूरा होने के बाद मृतकों के खातों से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू होगी।
घोटाले का खुलासा: 1721 मृतकों के नाम पर पेंशन
बरेली में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 83,129 लाभार्थी पंजीकृत हैं। हर साल मृतकों और अपात्रों को हटाने के लिए सत्यापन किया जाता है। इस बार 10 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक चले सत्यापन अभियान में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:
- 1721 मृत व्यक्तियों के खातों में पेंशन जमा हो रही थी।
- 56,879 लाभार्थियों का सत्यापन पूरा, जो कुल लक्ष्य का 68.42% है।
- शहरी क्षेत्रों में एक भी मृतक नहीं मिला, जो सत्यापन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
- शासन ने 25 मई 2025 तक 100% सत्यापन पूरा करने का निर्देश दिया है।
सत्यापन का कार्य उप-जिलाधिकारियों (एसडीएम) और खंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) द्वारा किया गया। 30 अप्रैल 2025 को प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू ने समीक्षा बैठक में बरेली की प्रगति की सराहना की और शत-प्रतिशत सत्यापन का लक्ष्य दोहराया।
घोटाले के कारण: लापरवाही और भ्रष्टाचार
बरेली पेंशन घोटाला प्रणालीगत खामियों और भ्रष्ट तंत्र का परिणाम है। प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- कर्मचारियों की लापरवाही:
- समय पर सत्यापन न होने से मृतकों के नाम सूची में बने रहे।
- पुरानी सूचियों की समीक्षा में ढिलाई और निगरानी की कमी।
- भ्रष्टाचार और दलाली:
- दलालों ने अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर मृतकों के नाम पर पेंशन जारी रखी।
- संभवतः यह राशि परिजनों या दलालों द्वारा हड़पी गई, जिसमें भ्रष्ट अधिकारियों को हिस्सा मिला।
- प्रणालीगत कमियां:
- सत्यापन में पारदर्शिता और तकनीकी निगरानी का अभाव।
- शहरी क्षेत्रों में मृतक न मिलना संदिग्ध, जो सत्यापन की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है।
रिकवरी की तैयारी और भविष्य के कदम
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधांशु शेखर ने बताया कि मृतकों के खातों में अब पेंशन नहीं जाएगी। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं:
- पेंशन पर रोक: बैंकों को पत्र लिखकर मृतकों के खातों में पेंशन जमा करने पर रोक लगाई जाएगी।
- रिकवरी प्रक्रिया: लंबे समय तक पेंशन प्राप्त करने वाले खातों से राशि वसूल की जाएगी।
- सुधार के उपाय: डिजिटल ट्रैकिंग और नियमित ऑडिट जैसे कदमों से भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी रोकी जाएगी।
बरेली का प्रदर्शन: टॉप 10 में नौवां स्थान
बरेली ने सत्यापन कार्य में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई:
- 68.42% सत्यापन तय लक्ष्य (60%) से अधिक।
- जिला प्रदेश के टॉप 10 में नौवें स्थान पर।
- अभी 40% लाभार्थियों का सत्यापन बाकी, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना।
घोटाले का प्रभाव
यह घोटाला केवल वित्तीय नुकसान का मामला नहीं है, बल्कि यह सामाजिक कल्याण योजनाओं पर भरोसे को कमजोर करता है। यह उन जरूरतमंद बुजुर्गों के अधिकारों का हनन है, जिन्हें पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। शहरी क्षेत्रों में मृतक न मिलना संदेह पैदा करता है, जिसकी गहन जांच जरूरी है।
निष्कर्ष
बरेली वृद्धावस्था पेंशन घोटाला भ्रष्टाचार और लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण है। 1721 मृतकों के नाम पर पेंशन और शहरी क्षेत्रों में मृतक न मिलना प्रणालीगत खामियों को उजागर करता है। सत्यापन और रिकवरी के प्रयास सकारात्मक हैं, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आधार-लिंक्ड सत्यापन, डिजिटल निगरानी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है।