
बरेली, 27 मई 2025 – उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर बरेली पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की पहचान और निष्कासन के लिए 15 दिवसीय विशेष अभियान की शुरुआत कर दी है। यह अभियान 26 मई से जिलेभर में चलाया जा रहा है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने जानकारी दी कि इस अभियान के तहत जिले के प्रत्येक थाना क्षेत्र में विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो प्रतिदिन सुबह और शाम अपने क्षेत्र में सत्यापन अभियान चलाकर संदिग्ध नागरिकों की पहचान करेंगी।
मुख्य बिंदु:
- झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वाले बांग्ला और असमिया भाषी लोगों की विशेष जांच।
- संदिग्ध नागरिकों से राशन कार्ड, वोटर आईडी, आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि दस्तावेजों की जांच।
- अवैध नागरिकों के फिंगरप्रिंट लेकर राज्य फिंगरप्रिंट ब्यूरो को भेजे जाएंगे।
- चिन्हित किए गए नागरिकों को डिटेंशन सेंटर में भेजा जाएगा।
- डिजिटल डाटाबेस बनाकर सभी जानकारियों को संकलित किया जाएगा।
रोजगार के आधार पर भी हो रही पहचान
बरेली पुलिस यह भी देख रही है कि झुग्गियों में रहने वाले लोग रिक्शा चालक, मीट फैक्ट्री कर्मचारी, घरेलू नौकर, सफाईकर्मी या कूड़ा बीनने वाले के रूप में काम तो नहीं कर रहे हैं।
संयुक्त अभियान में LIU और पुलिस शामिल
यह अभियान जिला पुलिस और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) के संयुक्त प्रयास से चलाया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय मुखबिरों और जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग लिया जा रहा है।
निष्कर्ष: देश की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए अहम कदम
बरेली में चलाया जा रहा यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा, जनसंख्या नियंत्रण और सामाजिक संतुलन के लिहाज से एक अहम प्रयास माना जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि कोई भी अवैध नागरिक बख्शा नहीं जाएगा, और कानूनी प्रक्रिया के तहत सभी को देश से बाहर किया जाएगा।