Tag Archives: अहमदाबाद बांग्लादेशी घुसपैठ

अहमदाबाद में बड़ा खुलासा: तालाब की जमीन पर बसाए गए 7 हजार अवैध बांग्लादेशी, लल्ला पठान गिरफ्तार



अहमदाबाद में तालाब की जमीन पर हजारों बांग्लादेशियों को अवैध रूप से बसाने वाले लल्ला पठान को क्राइम ब्रांच ने राजस्थान से गिरफ्तार किया। कार्रवाई में 4,000 अवैध निर्माण ढहाए गए।


अहमदाबाद | 3 मई 2025: गुजरात के अहमदाबाद शहर में एक बड़े संगठित अपराध का खुलासा हुआ है, जहां चंडोला तालाब की सरकारी जमीन पर करीब 7,000 अवैध झुग्गियों का निर्माण कर बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाया गया। इस साजिश के मास्टरमाइंड लल्ला पठान उर्फ लल्ला बिहारी को क्राइम ब्रांच ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है।

मिट्टी डालकर बनाया अवैध बस्ती क्षेत्र

आरोप है कि लल्ला पठान ने चंडोला तालाब क्षेत्र में करीब 3 लाख वर्ग मीटर जमीन पर मिट्टी डलवाकर अवैध झुग्गियां खड़ी कीं। इसके बाद इन घरों को अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को किराये पर दे दिया गया।

20,000 रुपये में बनवाता था फर्जी आधार कार्ड

सूत्रों के अनुसार, लल्ला पठान प्रत्येक व्यक्ति से 20,000 रुपये लेकर फर्जी आधार कार्ड बनवाता था। इसके अलावा वह रेंट एग्रीमेंट भी तैयार करता था ताकि वे स्थानीय नागरिकों की तरह पहचान बना सकें।

प्रशासन का बड़ा एक्शन

शिकायतें मिलने के बाद अहमदाबाद प्रशासन ने बड़ा ऑपरेशन चलाते हुए करीब 4,000 अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया है। इसके साथ ही 200 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को हटाया गया है। हाई कोर्ट से राहत न मिलने के कारण प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई को जारी रखा है।

गिरफ्तारी के वक्त मिली भारी संपत्ति

क्राइम ब्रांच ने लल्ला पठान के पास से:

  • 9 लाख रुपये नकद
  • 250 ग्राम सोना
  • फर्जी दस्तावेजों का बड़ा जखीरा
  • नोट गिनने की मशीन

बरामद की है।

तीन बीवियां, चार मकान और चार गाड़ियां

लल्ला पठान अहमदाबाद में तीन पत्नियों और 9 बच्चों के साथ रह रहा था। उसके पास चार आलीशान मकान और चार वाहन हैं, जो अवैध कमाई का स्पष्ट संकेत देते हैं। वह प्रति दिन 20 रुपये पानी शुल्क और 125 रुपये पार्किंग शुल्क के रूप में वसूली करता था।


पूरे देश में फैला हुआ है यह नेटवर्क?

सूत्रों का मानना है कि उत्तराखंड के रुद्रपुर, लालकुआं सहित देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के अवैध घुसपैठ और बस्तीकरण के नेटवर्क सक्रिय हो सकते हैं। सरकार से मांग की जा रही है कि इन सभी मामलों की गहन जांच कर फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोहों पर कठोर कार्रवाई की जाए।