CBSE की दोहरी बोर्ड परीक्षा प्रणाली: 2026 से कक्षा 10वीं के लिए महत्वपूर्ण बदलाव

Reporting- Ajay Saxena, Bareilly

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक नई “दोहरी परीक्षा प्रणाली” शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत छात्रों को एक ही साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। आइए इसके प्रमुख पहलुओं को समझें:


मुख्य बिंदु:

  1. दो परीक्षाएं, दो मौके:
  • पहली परीक्षा (मुख्य): फरवरी-मार्च 2026 (17 फरवरी से 7 मार्च तक)
  • दूसरी परीक्षा (सुधार): मई 2026 (5 मई से 20 मई तक)
  1. अनिवार्यता:
  • पहली परीक्षा देना अनिवार्य होगा।
  • दूसरी परीक्षा वैकल्पिक है, जिसे केवल अंक सुधारने के लिए दिया जा सकता है।
  1. रिजल्ट तिथियाँ:
  • पहली परीक्षा का परिणाम: 20 अप्रैल 2026
  • दूसरी परीक्षा का परिणाम: 30 जून 2026
  1. स्कोर निर्धारण:
  • यदि छात्र दोनों परीक्षाएं देते हैं, तो जिसमें अधिक अंक मिलेंगे, वही फाइनल माने जाएंगे
  1. विषयों में बदलाव नहीं:
  • छात्र दोनों परीक्षाओं में समान विषयों के लिए ही बैठ सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के समय ही विषय तय करने होंगे।
  1. फीस संबंधी नियम:
  • छात्रों को दोनों परीक्षाओं की फीस एक साथ रजिस्ट्रेशन के समय जमा करनी होगी।
  1. मेरिट सर्टिफिकेट और पुनर्मूल्यांकन:
  • मेरिट सूची और कॉपी पुन: जांच जैसी सुविधाएं दूसरी परीक्षा के बाद ही उपलब्ध होंगी।

छात्रों के लिए लाभ:

  • दूसरा मौका: पहली परीक्षा में कम अंक आने पर छात्र मई में दोबारा परीक्षा देकर अपने स्कोर को सुधार सकेंगे।
  • तनाव कमी: एक ही प्रयास में पूर्ण सफलता का दबाव कम होगा।
  • समान पाठ्यक्रम: दोनों परीक्षाओं का सिलेबस एक जैसा रहेगा, जिससे तैयारी आसान होगी।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • दूसरी परीक्षा केवल मार्क्स सुधार के लिए है, न कि नए विषयों के लिए।
  • यदि छात्र पहली परीक्षा में संतुष्ट हैं, तो वे दूसरी परीक्षा नहीं दे सकते।

निष्कर्ष: CBSE का यह कदम छात्रों को अधिक लचीलापन और बेहतर प्रदर्शन का अवसर देगा। हालांकि, छात्रों को रणनीतिक तैयारी करनी होगी ताकि वे दोनों परीक्षाओं का अधिकतम लाभ उठा सकें।

इस नई प्रणाली के बारे में अधिक जानकारी के लिए CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें।

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