ग्लोबल सॉफ्ट पावर इंडेक्स 2025: चीन दूसरे स्थान पर, भारत 29वें पायदान पर

ब्रांड फाइनेंस द्वारा जारी ग्लोबल सॉफ्ट पावर इंडेक्स 2025 में चीन ने ब्रिटेन को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल किया है। इस सूची में अमेरिका 79.5 अंकों के साथ पहले स्थान पर काबिज है, लेकिन उसकी वैश्विक प्रतिष्ठा में गिरावट आई है।

चीन की रैंकिंग में उछाल क्यों?

रिपोर्ट के अनुसार, चीन को 72.8 अंक मिले, जो उसकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है। चीन की इस मजबूती के पीछे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI), देश की स्थिरता और घरेलू ब्रांडों की मजबूती जैसे कारक अहम रहे। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने आठ सॉफ्ट पावर स्तंभों में से छह में और दो-तिहाई विशेषताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है।

भारत का प्रदर्शन और सुधार की संभावनाएँ

भारत 2023 में 28वें स्थान पर था, लेकिन इस साल 29वें पायदान पर आ गया है। हालांकि, क्षेत्रीय प्रभाव में भारत ने मजबूती दिखाई है, लेकिन वैश्विक प्रतिष्ठा (Reputation) के आधार पर उसे और बेहतर करने की जरूरत है।

भारत को सॉफ्ट पावर इंडेक्स में आगे बढ़ाने के लिए जरूरी कदम:

  1. इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार करना।
  2. Incredible India अभियान को और आक्रामक तरीके से प्रमोट करना ताकि पर्यटन बढ़े।
  3. बुद्ध डिप्लोमेसी को बढ़ावा देना, जिससे भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिले।
  4. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसी पहलों को और अधिक देशों तक पहुंचाना।

ग्लोबल सॉफ्ट पावर इंडेक्स 2025 के अहम बिंदु:

  • अमेरिका पहले स्थान पर लेकिन वैश्विक प्रतिष्ठा चार पायदान गिरकर 15वें स्थान पर।
  • चीन दूसरे स्थान पर, जो उसकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है।
  • 100 देशों के 1,70,000 लोगों के बीच सर्वेक्षण के आधार पर तैयार रिपोर्ट।
  • भारत 29वें स्थान पर, जो पिछले साल की तुलना में एक पायदान नीचे है।
  • सर्वे में 55 मैट्रिक्स के आधार पर देशों की सॉफ्ट पावर का मूल्यांकन किया गया।

निष्कर्ष

ग्लोबल सॉफ्ट पावर इंडेक्स किसी देश की वैश्विक छवि, सांस्कृतिक प्रभाव, शासन क्षमता और आर्थिक अपील का आकलन करता है। चीन की इस लिस्ट में मजबूती उसकी वैश्विक रणनीतियों और आर्थिक कूटनीति की सफलता को दर्शाती है। वहीं, भारत को अपनी वैश्विक छवि को और सशक्त बनाने के लिए व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक कूटनीति पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

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