
बरेली, उत्तर प्रदेश | 25 अप्रैल 2025
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से धार्मिक उन्माद और धमकी का एक गंभीर मामला सामने आया है। IMC (इंडियन मुस्लिम काउंसिल) नेता मोईन सिद्दीकी पर एक हिंदू महिला को ‘सिर तन से जुदा’ करने की धमकी देने का आरोप लगा है। महिला की तहरीर पर पुलिस ने बारादरी थाने में FIR दर्ज कर ली है। घटना के बाद इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
क्या है पूरा मामला?
बारादरी थाना क्षेत्र के लोधी टोला निवासी जीतू ने बताया कि चक महमूद इलाके में स्थित एक पुराना धार्मिक कुआं, जहां हिंदू महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं, उसे जबरन नगर निगम के कर्मचारी मोईन सिद्दीकी ने पाट दिया। जब इस कार्रवाई का विरोध किया गया और नगर निगम में शिकायत दी गई, तो मोईन सिद्दीकी ने जीतू की मां माया देवी को धमकी दी।
माया देवी ने पुलिस को बताया कि मोईन ने कहा:
“अपने बेटे को समझा लो, वरना उसका सिर तन से जुदा कर दूंगा। हमारी सरकार आने दो, हिंदुओं को घर-घर जाकर मारेंगे।”
पुलिस ने दर्ज किया केस, आरोपी फरार
पीड़ित परिवार की शिकायत के बाद SSP बरेली के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया। बारादरी थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि आरोपी मोईन सिद्दीकी फरार है, लेकिन पुलिस की टीमें उसकी तलाश में लगी हैं और जल्द गिरफ्तारी की संभावना है।
स्थानीय पार्षदों का नाम भी आया सामने
इस मामले में मौजूदा पार्षद अनीस और पूर्व पार्षद अंजुम फिरदौस के नाम भी सामने आए हैं। हालांकि, दोनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पार्षद अनीस का कहना है:
“मोईन सिद्दीकी नगर निगम में सुपरवाइजर है, इसलिए उससे जान-पहचान है, लेकिन धमकी देने से मेरा कोई संबंध नहीं है।”
पहले भी विवादों में रहा है मोईन सिद्दीकी
सूत्रों के अनुसार, यह पहला मौका नहीं है जब मोईन सिद्दीकी ने धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले बयान दिए हैं। इससे पहले भी उस पर धार्मिक उन्माद और धमकी देने के आरोप लग चुके हैं, और वह जेल जा चुका है।
पहलगाम आतंकी हमले के बीच माहौल और तनावपूर्ण
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हुई थी। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग TRF ने ली है। इस हमले के बाद से देशभर में पहले से ही धार्मिक संवेदनशीलता बढ़ी हुई है और बरेली की यह घटना इसे और भड़काने का काम कर सकती है।
प्रशासन की बड़ी चुनौती: सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना
इस मामले ने एक बार फिर प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी को केंद्र में ला दिया है। धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाले ऐसे तत्वों पर कड़ी कार्रवाई कर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना आवश्यक है।