भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में ऐतिहासिक उपलब्धि


भारत ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के अंतर्गत बनने वाली सुरंग संख्या-8 अब देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग बनने जा रही है। 14.58 किलोमीटर लंबी यह सुरंग पहाड़ी क्षेत्र में भारत की अभूतपूर्व इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक है।

इस महत्वपूर्ण सुरंग का उद्घाटन रेल, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, और स्थानीय सांसद अनिल बलूनी जी की उपस्थिति में किया गया।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ:

  • परियोजना की कुल लंबाई: 125.20 किलोमीटर
  • सुरंगें: 16 मुख्य सुरंगें (104 किमी), 12 एस्केप सुरंगें (97.72 किमी), और क्रॉस पैसेज (7.05 किमी)
  • कुल सुरंग लंबाई: 213.57 किमी
  • सबसे लंबी सुरंग: संख्या-8 (14.58 किमी)
  • स्टेशनों की संख्या: 12
  • बड़े पुल: 19 | छोटे पुल: 38
  • सबसे लंबा पुल: देवप्रयाग पुल (125 मीटर)

तकनीकी चुनौतियाँ और समाधान:

  • भूगर्भीय जटिलताएँ: चट्टानों की विविधता, उच्च ओवरबर्डन (70-800 मीटर) और कमजोर संरचनाएं।
  • टीबीएम का उपयोग: पहली बार हिमालयी भूगर्भ में TBM (Tunnel Boring Machine) का सफल प्रयोग, जिसमें 9.11 मीटर व्यास की TBM ने 10.4 किमी खुदाई की।
  • जल निकासी: कुछ क्षेत्रों में 2000 LPM तक जल रिसाव की समस्या, जिसे आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों से नियंत्रित किया गया।
  • लॉजिस्टिक प्रबंधन: कठिन हिमालयी क्षेत्र में 30 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना एक बड़ा कार्य रहा।

क्यों खास है यह परियोजना?

यह परियोजना न केवल उत्तराखंड को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने का काम करेगी, बल्कि चारधाम यात्रा को भी सुगम बनाएगी। साथ ही, यह राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सीमावर्ती क्षेत्रों तक तेजी से पहुँच संभव बनाएगी।


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