बरेली में पति लापता : नूरी को न्याय की तलाश, पुलिस नहीं सुन रही उसका दर्द

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां नूरी, रहमान खाँ की बेटी, अपने लापता पति फईम सैफी की तलाश में भटक रही है। माता-पिता के न होने और ससुराल वालों द्वारा घर से निकाले जाने के बाद नूरी की गुहार को पुलिस भी नहीं सुन रही। यह कहानी एक ऐसी महिला की व्यथा को बयां करती है, जो समाज और व्यवस्था के बीच अकेली पड़ गई है। आइए जानते हैं नूरी की परेशानी और उसके भविष्य के सवालों के बारे में।

नूरी कौन है?

नूरी, पीरबहोड़ा, थाना इज्जतनगर, जिला बरेली की निवासी है। उसके माता-पिता का देहांत पहले ही हो चुका है। 17 फरवरी 2025 को सुबह करीब 10:10 बजे, नूरी ने अपने प्रेमी फईम सैफी, नियाजमुद्दीन के बेटे (निवासी बन्डिया, चौकी परसाखेड़ा, थाना सीबी गंज, बरेली) से अपनी मर्जी से अपने घर पर निकाह किया था। दोनों ने शादी के बाद नूरी के घर पर ही दांपत्य जीवन शुरू किया, लेकिन फईम के परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था।

फईम सैफी का गायब होना

3 मार्च 2025 को फईम के बहनोई यामीन, बड़े भाई नाजिम, चचेरे भाई तसलीम (छोटे का बेटा) और दोस्त मुजीब व गुलफाम ने फईम को उसके परिवार के घर बुलाकर ले गए। उस दिन फईम ने नूरी से फोन पर बात की थी, लेकिन इसके बाद से उसका मोबाइल स्विच ऑफ है और वह लापता है। नूरी को शक है कि उसके ससुराल वालों ने फईम के साथ कोई अनहोनी कर दी हो। फईम के परिवार ने उनके प्रेम विवाह का विरोध किया था और दोनों को जान से मारने की धमकी भी दी थी।

नूरी की जद्दोजहद

अकेली नूरी अपने ससुराल गई और फईम के बारे में पूछताछ की, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। ससुराल वालों ने उसे घर से निकाल दिया। उसने स्थानीय पुलिस से मदद मांगी, लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। नूरी अब पूछ रही है, “अब मैं जाऊं तो जाऊं कहां?” बिना माता-पिता, बिना पति और बिना सहारे के वह पूरी तरह असहाय है।

न्याय की गुहार

नूरी का मामला प्रेम विवाह करने वालों की सुरक्षा और उत्तर प्रदेश में पुलिस की जवाबदेही पर सवाल उठाता है। एक महीने से अधिक समय से फईम लापता है, और न ससुराल वालों से कोई सुराग मिला है न पुलिस ने कोई कदम उठाया है। नूरी को डर है कि उसके पति को नुकसान पहुंचाया गया हो। उसकी भावनात्मक और आर्थिक परेशानी उसे और कमजोर बना रही है।

क्या किया जा सकता है?

नूरी की मदद के लिए ये कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. पुलिस जांच: फईम के परिवार और दोस्तों से पूछताछ कर उसकी गुमशुदगी की जांच शुरू होनी चाहिए।
  2. कानूनी सहायता: महिला अधिकार संगठन या स्थानीय एनजीओ नूरी को कानूनी मदद और आश्रय दे सकते हैं।
  3. जागरूकता: इस कहानी को साझा कर पुलिस पर दबाव बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष: नूरी का अगला कदम क्या?

नूरी की यह कहानी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि जब परिवार और समाज साथ छोड़ दे, तो कोई महिला कहां जाए? अपने पति की तलाश में भटक रही नूरी की हिम्मत को सलाम है, लेकिन उसे न्याय चाहिए। अगर आपके पास फईम सैफी के बारे में कोई जानकारी है या नूरी की मदद कर सकते हैं, तो स्थानीय पुलिस से संपर्क करें या इस कहानी को शेयर करें।

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