
बरेली: शहर में एयरपोर्ट विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन किसानों ने मुआवजे को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों का आरोप है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी उनकी जमीन को कृषि भूमि के तौर पर अधिग्रहित कर रही है, जबकि उसकी असली कीमत कहीं ज्यादा है। इसको लेकर किसानों ने डीएम बरेली को पत्र सौंपा और न्यायसंगत मुआवजे की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
बरेली के मुड़िया अहमदनगर क्षेत्र के किसानों की जमीन एयरपोर्ट विस्तार के लिए अधिग्रहित की जा रही है। किसान आशीष पटेल, राकेश पटेल, धर्मेंद्र कुमार, मोर सिंह, बेबी दीक्षा समेत कई लोगों ने डीएम को पत्र भेजकर आपत्ति जताई है।
किसानों का कहना है कि उनकी जमीन 10,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से बिकती है, लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी उन्हें कृषि भूमि की दर से मुआवजा देना चाहती है। जबकि, अधिग्रहण से पहले इस जमीन की वैधानिक सर्किल रेट के आधार पर कीमत तय की जानी चाहिए।
किसानों की मांग
- सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा: किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें मौजूदा बाजार दर या सरकारी सर्किल रेट के अनुसार उचित मुआवजा दिया जाए।
- विकास के नाम पर अन्याय नहीं: किसानों का कहना है कि वे एयरपोर्ट विस्तार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उचित मुआवजा मिलना जरूरी है ताकि वे अपनी जीविका का प्रबंध कर सकें।
- जमीन अधिग्रहण के लिए पारदर्शी प्रक्रिया: अधिग्रहण में पारदर्शिता और निष्पक्षता हो, ताकि किसानों को किसी प्रकार की हानि न हो।
प्रशासन का क्या कहना है?
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि किसानों की शिकायतों पर विचार किया जा रहा है और उचित प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।
क्या होगा आगे?
यदि किसानों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो वे विरोध प्रदर्शन भी कर सकते हैं। प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी को इस मामले पर जल्द निर्णय लेना होगा, ताकि विकास कार्य भी प्रभावित न हो और किसानों को भी न्याय मिले।
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