IAS अभिषेक प्रकाश सस्पेंड: 700 बीघा जमीन घोटाले से ब्रह्मोस मिसाइल फैक्ट्री भ्रष्टाचार तक

उत्तर प्रदेश सरकार ने सीनियर आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को भ्रष्टाचार, जमीन घोटाले और पद के दुरुपयोग के आरोपों के चलते सस्पेंड कर दिया है। इस मामले ने नौकरशाही में हलचल मचा दी है, क्योंकि इसमें अवैध भूमि अधिग्रहण, डिफेंस कॉरिडोर घोटाला, और इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट्स में रिश्वतखोरी जैसी गड़बड़ियां सामने आई हैं।

IAS अभिषेक प्रकाश पर मुख्य आरोप

1. 700 बीघा जमीन घोटाला

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखीमपुर और बरेली में अभिषेक प्रकाश ने 700 बीघा जमीन अपने परिवार और फर्जी कंपनियों के नाम खरीदी। इस दौरान स्टांप ड्यूटी चोरी और अवैध लेन-देन के आरोप भी लगे हैं।

2. डिफेंस कॉरिडोर जमीन अधिग्रहण घोटाला

लखनऊ के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहण की गई जमीन में गड़बड़ियों की बात सामने आई है। अभिषेक प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने भूमि अधिग्रहण समिति के अध्यक्ष रहते हुए गलत तरीके से मुआवजा जारी किया, जिससे ₹20 करोड़ का घोटाला हुआ।

3. LDA (लखनऊ विकास प्राधिकरण) में भ्रष्टाचार

एलडीए उपाध्यक्ष रहते हुए, अभिषेक प्रकाश ने कई बिल्डरों को गैर-कानूनी तरीके से लाभ पहुंचाया। उन्होंने अपने करीबी बिल्डर्स को लाइसेंस जारी किए और अवैध निर्माणों को गिराने में भेदभाव किया।

4. इन्वेस्ट यूपी घोटाला – बिजनेसमैन से रिश्वतखोरी

इन्वेस्ट यूपी के सीईओ रहते हुए, अभिषेक प्रकाश ने कई निवेशकों की फाइलों को रोका और मंजूरी के लिए 5% कमीशन मांगा। एक सोलर इंडस्ट्री प्रोजेक्ट में भी रिश्वत न मिलने पर फाइल रोकने का आरोप है।

5. ब्रह्मोस मिसाइल फैक्ट्री घोटाला

सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि ब्रह्मोस मिसाइल फैक्ट्री प्रोजेक्ट में ₹20 करोड़ के घोटाले में भी उनका नाम सामने आया है। इससे जुड़े फंड के गलत इस्तेमाल की जांच जारी है।

STF और सरकार ने कैसे लिया एक्शन?

बिजनेसमैन विश्वजीत दत्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी, जिसके बाद मामला STF को सौंपा गया। जांच के बाद, सरकार ने आईएएस अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया और उनके करीबी बाबू निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया

क्या यह भ्रष्ट नौकरशाही का एक बड़ा रैकेट है?

यह मामला केवल अभिषेक प्रकाश तक सीमित नहीं है। सूत्रों के अनुसार, इसमें कई अन्य अधिकारियों, दलालों और बिल्डरों की मिलीभगत हो सकती है। यूपी सरकार इस पूरे सिंडिकेट की जांच कर सकती है।

आगे क्या होगा?

  1. विजिलेंस जांच – अभिषेक प्रकाश के सभी प्रशासनिक फैसलों की जांच होगी।
  2. ईडी (ED) की संभावित जांच – उनकी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच हो सकती है।
  3. कानूनी कार्रवाई – अगर दोषी पाए गए तो संपत्ति जब्त हो सकती है और जेल भी हो सकती है।

निष्कर्ष: क्या यूपी सरकार भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करेगी?

IAS अभिषेक प्रकाश का निलंबन यूपी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। क्या यह मामला यूपी की नौकरशाही में बड़े सुधारों का कारण बनेगा, या यह केवल एक अपवाद बनकर रह जाएगा?


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