बरेली: एवन हॉस्पिटल में मेडिकल नेग्लिजेंस के गंभीर आरोप, नवजात की मौत, महिला के पेट में छोड़ दिया गया था गौज!

बरेली। जिले के एक निजी अस्पताल में हुई भयावह लापरवाही ने एक परिवार का चैन छीन लिया है। भोजीपुरा निवासी ताहिर खान की पत्नी के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने उनके पेट में सर्जिकल गौज छोड़ दिया, जिससे नवजात बच्चे की मौत हो गई और महिला की जान को भी खतरा पैदा हो गया। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल अस्पताल को सील करने के आदेश दिए हैं और जांच शुरू कर दी है।

क्या हुआ था पूरा मामला?

ताहिर खान ने शनिवार को जनसुनवाई में पहुंचकर जिलाधिकारी के सामने अपनी दर्दनाक कहानी रखी। उनके मुताबिक, 3 जून को उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उन्हें एवन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहाँ डॉक्टरों ने सीजेरियन ऑपरेशन कर डिलीवरी की, लेकिन लापरवाही के कारण हुई एक गंभीर गलती ने उनकी खुशी को तबाही में बदल दिया।

ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने ब्लड साफ करने वाला गौज (गोचपीच) महिला के पेट के अंदर ही छोड़ दिया और टांके लगा दिए। इसके बाद नवजात बच्चे की मौत हो गई। कुछ दिनों बाद जब महिला को तेज बुखार और गंभीर संक्रमण होने लगा, तब जांच में इस भयावह लापरवाही का पता चला।

दूसरे ऑपरेशन में निकालना पड़ा गर्भाशय

महिला की हालत बिगड़ने पर परिवार ने उन्हें दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया। वहाँ हुए दूसरे ऑपरेशन में डॉक्टरों ने उनके पेट से वह सर्जिकल गौज निकाला। हालाँकि, संक्रमण इतना ज्यादा फैल चुका था कि उनका गर्भाशय भी निकालना पड़ा, जिससे भविष्य में उनकी माँ बनने की संभावना हमेशा के लिए खत्म हो गई।

शिकायत करने पर किया गया भगाया

ताहिर खान का आरोप है कि जब उन्होंने इस लापरवाही के बारे में अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की और जिम्मेदार डॉक्टर का नाम पूछा, तो उन्हें अभद्र तरीके से भगा दिया गया। पीड़ित परिवार के पास पेट से गौज निकालने की प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है, जो इस पूरे मामले की पुष्टि करती है।

जिलाधिकारी ने दिए तत्काल सील करने के आदेश

मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आते ही प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) की टीम ने एवन हॉस्पिटल पर छापा मारकर उसे तत्काल प्रभाव से सील कर दिया।

साथ ही, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लईक अहमद अंसारी और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शैव्या प्रसाद की एक दो सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है। इस टीम ने पूरे मामले की तहकीकात शुरू कर दी है। प्रशासन की तरफ से साफ किया गया है कि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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