
बरेली जिले में स्कूल विलय की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसके तहत 50 से कम छात्र संख्या वाले 617 परिषदीय विद्यालयों में से 110 विद्यालयों को सोमवार को बंद कर दिया गया। इनमें नगर क्षेत्र के 37 में से 25 विद्यालय शामिल हैं, जहां भविष्य में बाल वाटिकाएं खोली जा सकती हैं।
ब्लॉकवार विद्यालय विलय की स्थिति:
- आलमपुर जाफराबाद: 26 में से 5
- आंवला: 5 में से 4
- भदपुरा: 55 में से 7
- भोजीपुरा: 18 में से 3
- भुता: 34 में से 5
- फरीदपुर: 19 में से 5
- मीरगंज: 23 में से 5
- नवाबगंज: 91 में से 9
- रामनगर: 18 में से 6
- रिछा: 72 में से 13
- शेरगढ़: 39 में से 7
- बिथरी: 46 में से 5
हालांकि, फतेहगंज पश्चिमी (21), बहेड़ी (1), क्यारा (7) और मझगवां (15) में चिह्नित विद्यालयों में से कोई भी अभी बंद नहीं हुआ है।
विरोध और दबाव की शिकायतें:
शिक्षक संगठन स्कूलों के विलय का विरोध कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि अधिकारी जबरन सहमति लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि विलय के लिए स्कूल प्रबंध समिति और ग्राम प्रधान की सहमति जरूरी है, लेकिन कई जगहों पर बिना सहमति के शिक्षकों को धमकाया जा रहा है।
स्कूल चलो अभियान शुरू:
1 जुलाई से परिषदीय स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत के साथ “स्कूल चलो अभियान” भी चलाया जाएगा, जिसमें शिक्षक गांव-गांव जाकर अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके तहत 15 जुलाई तक विशेष प्रयास किए जाएंगे, जिसमें छात्रों का स्वागत हलवा-खीर खिलाकर किया जाएगा।
विलय के बाद जिले में 2484 स्कूलों की संख्या घटकर 1868 रह जाएगी। शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए।