कॉइनबेस डेटा उल्लंघन: 400 मिलियन डॉलर की चोरी, 69,000 ग्राहकों पर संकट


🚨 कॉइनबेस डेटा उल्लंघन: 400 मिलियन डॉलर की चोरी, 69,000 ग्राहकों पर संकट | जानें पूरी सच्चाई


📌 क्या है कॉइनबेस डेटा उल्लंघन मामला?

2025 में क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया को एक बड़ा झटका लगा। 15 मई को अमेरिका की जानी-मानी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी “कॉइनबेस” ने एक बड़े डेटा उल्लंघन (Data Breach) का खुलासा किया। इस साइबर फ्रॉड की वजह से कंपनी को लगभग 400 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ और 69,000 से अधिक ग्राहक प्रभावित हुए।

यह अब तक का सबसे बड़ा क्रिप्टो साइबर फ्रॉड माना जा रहा है।


🧠 फ्रॉड कैसे हुआ? कौन जिम्मेदार है?

इस हाई-प्रोफाइल हैक में भारत में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों की भूमिका पाई गई। चलिए जानते हैं कैसे:

  • कॉइनबेस ने अपनी ग्राहक सेवा आउटसोर्सिंग कंपनी TaskUs को दी थी, जिसकी शाखा भारत के इंदौर समेत कई शहरों में है।
  • हैकर्स ने इन कर्मचारियों को 500 से 700 डॉलर वेतन मिलने की स्थिति का फायदा उठाया और उन्हें रिश्वत देकर गोपनीय ग्राहक डेटा लीक करवाया
  • इसके बाद हैकर्स ने कॉइनबेस स्टाफ का रूप धारण कर ग्राहकों को धोखा दिया और उनसे क्रिप्टो वॉलेट की जानकारी निकलवाई।

🔍 क्या कहती है रिपोर्ट?

Fortune की रिपोर्ट के अनुसार:

  • TaskUs के 226 भारतीय कर्मचारियों को इंदौर में नौकरी से निकाला गया
  • इस पूरे घोटाले के पीछे युवा अंग्रेजी बोलने वाले हैकर्स का नेटवर्क काम कर रहा था।
  • इन हैकर्स ने सामाजिक इंजीनियरिंग और फिशिंग तकनीकों का इस्तेमाल कर डेटा चुराया।

💬 विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

क्रिप्टो जांच कंपनी Trazelon के संस्थापक सर्जियो गार्सिया ने कहा:

“यह चेन की सबसे कमजोर कड़ी थी – ऐसे कर्मचारी जिनके पास रिश्वत लेने का आर्थिक कारण था।”


🔐 कॉइनबेस ने क्या कार्रवाई की?

  • TaskUs और विदेशी एजेंटों से संबंध समाप्त कर दिए गए हैं।
  • प्रभावित ग्राहकों की पहचान की जा रही है।
  • कंपनी ने यह भी कहा है कि वह प्रभावित यूज़र्स को नुकसान की भरपाई करेगी

📉 ग्राहकों को क्या नुकसान हुआ?

कॉइनबेस ने यह नहीं बताया कि कितने ग्राहकों का फंड चोरी हुआ, लेकिन कई उपयोगकर्ता अपनी क्रिप्टो संपत्ति खो चुके हैं

इस घटना ने क्रिप्टो निवेशकों की सुरक्षा और आउटसोर्सिंग नीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं


🛡️ आप कैसे बच सकते हैं?

अगर आप क्रिप्टो में निवेश करते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

  • किसी भी कॉल या ईमेल पर अपनी क्रिप्टो वॉलेट जानकारी शेयर न करें।
  • हमेशा 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
  • कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत प्लेटफॉर्म से संपर्क करें।

✍️ निष्कर्ष

कॉइनबेस डेटा उल्लंघन ने दिखा दिया कि साइबर सुरक्षा केवल तकनीक का नहीं, बल्कि मानव व्यवहार का भी मामला है। कम वेतन, आउटसोर्सिंग और कमजोर सुरक्षा ढांचे ने दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज को झकझोर दिया।


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